( हिमालयी भू – भाग और समाज की चुनौती पर व्यापक चर्चा हुई)

Advertisement

हिमालयी भू-भाग और समाजों की नवीन चुनौतियों के अनुरूप अनुसंधान के नए क्षेत्र तलाशने हांगे। यह बात पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की संयुक्त सचिव नमिता प्रसाद ने राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन (एनएमएचएस) की दिल्ली में संपन्न वैज्ञानिक एवं तकनीकी सलाहकार समिति की 25 वीं बैठक के दौरान कही। इस बैठक से लौटकर एनएमएचएस प्रभारी नोडल अधिकारी इ0 एम0 एस 0 लोधी ने बताई।

यह बैठक तीस्ता कांफ्रेस हॉल पर्यावरण मंत्रालय में संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि इस बैठक में चयनित 26 से अधिक अनुसंधान परियोजना प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण हुआ और उनमें से 1 दर्जन को अनुदान हेतु अगले चरण में भेजने का निर्णय लिया गया।

जल संसाधन प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण ,हानिप्रद पदार्थाें का प्रबंधन, संरचनात्मक निर्माण अनुसंधान, सहित आजीविका विकल्पों से जुड़े अनुसंधान प्रस्तावों पर विशेषज्ञों ने मूल्यांकन किया और शीर्ष कमेटी के अंतिम अनुमोदन हेतु परियोजना प्रस्तावों को स्वीकृति दी।

बैठक में मेघालय हेतु एक हिम नेचर लर्निन सेंटर बनाने पर भी चर्चा की गई। प्रभारी नोडल ने बताया कि इस बैठक की प्रमुख संयुक्त सचिव के निर्देशन में जल्द ही एनएमएचएस की अनुसंधान प्रस्तावों हेतु इस वर्ष की दूसरी आवेदन निकाली जाएगी जिसमें अन्य अनुसंधान परियोजनाओं हेतु प्रस्ताव मांगे जाएंगे।

हिमालयी राज्यों में नवीन अनुसंधान क्षेत्रों व परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर एनएमएचएस डेटाबेस को भी और अधिक व्यापक और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया गया।

प्रभारी नोडल श्री लोधी ने बताया कि मिशन में अब तक 206 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं में से 150 से अधिक पूरी हो चुकी है। जिसमें 60 से अधिक एसओपी, लगभग 14 से अधिक छोटे बड़े नए मॉडल, 20 से अधिक पेटेंट और तीन औद्योगिक अनुबंध शामिल है। उन्होंने बताया कि नवीन मॉडलों व अनुसंधानों को अन्य हिमालयी राज्यों में अनुप्रयोग के प्रयास जारी हैं।

इस बैठक में समय विस्तार हेतु तीन अनुसंधान और दो फैलोशिप परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। इस बैठक में, सविच डीएसटी प्रतिनिधि स्वाति जैंन, डोनर प्रतितिधि, विभिन्न राज्यों के प्रमुख सचिवों के प्रतिनिधि, अमेटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर0 के कोहली,, वीपीकेएएस के प्रो0 जे0 के0 बिष्ट, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो0 वी0 के मिनौचा, त्रिभुवन कॉलेज राजस्थान के निदेशक प्रो0 जे0 के0 गर्ग, डब्लू0 डब्लू0 एफ0 के प्रतिनिधि, माउंटेन डिविजन प्रमुख डॉ सुजैन जॉर्ज, दिनेश राणा, एनएमएचएस से श्री पुनीत सिराड़ी, गगन पंत, जगदीश जोशी, डॉ प्रतिभा बिष्ट आदि ने प्रतिभाग किया।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement