बागेश्वर। तहसील गरुड़ में होल्यारों को होली में रायते का स्वाद लेना होल्यारों के लिए महंगा साबित हुआ। रायते ने त्रियोदशी की होली का रंग फीका कर दिया। समय पर उपचार मिलने से कोई बड़ी अनहोनी टल गई।
जिले की तहसील गरुड़ के गांवों में होली चरम पर है। परंपरानुसार तीसरे दिन कत्यूरघाटी के गांवों की होल्यार गांव से लगे शिवालयों में जाती है और मंदिरों में होली गायन की धूम मचाते हैं। इसी अनुरुप आज सिल्ली गांव की होली भी पास के कपिलेश्वर शिव मंदिर में गई थी। होली गायन के बाद होल्यारों ने खुले में लगी एक दुकान से 800 रुपये में आलू के गुटके की डेगची और रायता खरीदकर लाई गई और होल्यारों ने इसे आपस में खाया। मगर कुछ देर बाद होल्यारों को परेशानी होने लगी। किसी को उल्टी—दस्त शुरू हो गई, तो किसी के पेट में दर्द की शिकायत होने लगी। इससे गांव में दहशत फैल गई।
स्थिति बिगड़ती देख सभी 17 लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ ले जाया गया। जहां उपचार के बाद अब सभी की हालत में सुधार है। सभी को उपचार के बाद अब घर भेज दिया है। देर सांय की इस घटना से हॉस्पिटल स्टाफ को भी घर से बुलाया गया। इधर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि सभी मरीजों को उपचार कर घर भेज दिया है। सभी की स्थिति अब सामान्य है। खुले में रखी खाद्य सामग्री नहीं खानी चाहिए। इससे फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा बढ़ जाता है।