उत्तराखंड के जननायक डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट की 78वीं जयंती के उपलक्ष में वाहिनी के कार्यालय में एक गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें श्रीमती रेवती बिष्ट की अध्यक्षता में स्वर्गीय डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट को हार्दिक नमन और भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई. गोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि डाक्टर बिष्ट के नेतृत्व में उत्तराखंड में अनेकों जन आंदोलनों को धार मिली जिसने उत्तराखंड की दिशा और दशा को बदलने का कार्य किया. नदी बचाओ आंदोलन से लेकर आंदोलन ,उत्तराखंड छात्र आंदोलन,चिपको वन आंदोलन, नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन ,उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जननायक डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट ने अहम भूमिका निभाई. बड़ी विद्युत परियोजनाओं के विरोध में पूरे उत्तराखंड में पैदल यात्रा की.वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रगतिशील शक्तियों को एकजुट करने में बहुत बड़ा योगदान दिया. राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा अनेकों प्रलोभनों के बावजूद डाक्टर बिष्ट अपने सिद्धांतों में अडिग रहे उन्होंने कभी समझौता नहीं किया और आमजन के लिए आजीवन संघर्षरत रहे उनके बताए मार्ग में चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. गोष्ठी में वाहिनी के महासचिव पूरन चंद्र तिवारी,जंग बहादुर थापा, बिशन दत्त जोशी ,अनिसुद्दीन ,अजयमित्र , नौशाद अहमद,अजय सिंह मेहता, दया कृष्ण कांडपाल ,एडवोकेट जगत रौतेला,आराध्य बिष्ट, आदि उपस्थित रहे.

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