श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश, में उद्यमी विकास के लिए एक बूट कैम्प का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर एन के जोशी ने कैम्प का उद्घाटन किया, जहां स्टार्टअप्स, मशरूम कल्चर, होम स्टे, जैसे विषयों पर चर्चा हुई और छात्रों को उद्यमिता के महत्व को समझाया गया।

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प्रो0 जोशी ने बताया कि सरकार ने इस योजना के सफल संचालन के लिए पृथक से बजट आवंटित किया है। इसके माध्यम से राज्य की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक विकास होगा। इस योजना के अंतर्गत, नामांकित छात्रों को किसी भी शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।

इससे उम्मीद है कि यह योजना उत्तराखंड के उद्यमिता क्षेत्र में उद्यमी छात्रों को पोषित करेगी जो अपने लिए और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर बना सकते हैं।इस कार्यक्रम के दौरान, डॉ. राजीव शर्मा और डॉ. दीपक चौहान EDII अहमदाबाद ने, छात्रों को प्रेरित किया ।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उद्यमिता योजना के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने भारतीय उद्यमिता संस्थान (EDII), अहमदाबाद के साथ प्रशिक्षण संबंधित समझौता किया गया है। EDII अहमदाबाद, छात्रों को स्वरोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग प्रदान करेगा जो उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में स्थापित करने में मदद करेगी। इसके परिणामस्वरूप, उत्तराखंड के युवा अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसरों से जुड़ सकते हैं और अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करने में सक्षम हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आने वाले समय में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर को कम करने का कारण बन सकता है।

विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के वाणिज्य संकाय के डीन प्रोफ़ेसर कंचन लता सिन्हा ने व्यापार में प्रवेश करने के तरीकों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बूट कैम्प विश्वविद्यालय छात्रों के बीच एक गुणवत्ता से भरा उद्यमी समृद्धि का संचार करेगा।देवभूमि उद्यमिता योजना, की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने योजना के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।

उन्होंने कहा इस बूट कैम्प में छात्रों को उनके प्रशिक्षण के दौरान पिचिंग इवेंट्स और सीड फंडिंग के बारे में जानकारी मिलेगी। यह कार्यक्रम “देवभूमि उद्यमिता योजना” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों को विभिन्न लाभ प्रदान करना है और उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करके स्वरोजगार के अवसरों की ओर मुख करना है। इस पहल का उद्देश्य युवा को उसके व्यापार स्थापित करने या स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए मजबूत बनाना है।

प्रोफेसर तोमर ने कहा कि यदि आप भी उत्तराखंड के युवा हैं और रोजगार की खोज में हैं, तो यह योजना आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकती है।प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी, प्रोफेसर वी. डी. पाडेय ,प्रोफेसर परवेज अहमद, डॉ. स्मिता बड़ोला, डॉ. गौरव वार्ष्णेय, और डॉ. शिवांगी उपाध्याय भी इस महत्वपूर्ण सत्र में उपस्थित रहे और छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान किया।

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