श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर द्वारा दिनाँक 14 से 16दिसम्बर तक आयोजित होने वाले ” नॉनलीनेअर एनालिसिस एंड इट्स ऍप्लिकेशन्स ” विषय पर अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप के 5वें संस्करण का विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन० के० जोशी ने विशेष अतिथि और पैट्रन के रूप दीप प्रज्वलन के साथ उद्घाटन किया ।

इस मौके पर, 15 विभिन्न देशों के गणितज्ञों, विशेषज्ञों, और अनुसंधानकर्ताओं से 130 प्रतिभागी समूह एकत्र हुआ है । उद्घाटन सम्बोधन में कुलपति प्रो० एन के जोशी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम में नई शोधपद्धतियों पर मंथन करने और उन्हें विद्यार्थियों को रुचिकर ढंग से शिक्षा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय फैकल्टी डेवलपमेंट सेन्टर के द्वारा समय समय पर बहुविषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे ।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का विषय, प्रतिभागियों को नॉनलीनेअर एनालिसिस एंड इट्स ऍप्लिकेशन्स की मौलिक समझ प्रदान करने के इर्द-गिर्द घूमता है, जो इसके अनुप्रयोगों में जागरूकता और समृद्ध ज्ञान से पूरक है, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में। यह प्रतिभागियों को अंतःविषय कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा। इस प्रतिस्पर्धी युग में, हमें खुद को लगातार बेहतर बनाने के लिए उचित ज्ञान और सही उपकरणों और प्लेटफार्मों से लैस होने की आवश्यकता है। इस आयोजन से प्रतिभागी लाभान्वित होंगे तथा अपने शोध कार्यों में अभिनव प्रयोग कर सकेंगे ।

प्रो० जोशी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य नॉनलीनियर एनालिसिस और इसके अनुप्रयोगों में हाल के विकासों पर चर्चा करना है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इससे शोधकर्ताओं और प्रतिभागियों में फिर से ऊर्जा का संचार होगा और शोध की गुणवत्ता में और सुधार करने में मदद मिलेगी।

चर्चाएं, बहसें, और प्रस्तुतियां भविष्य के नेटवर्किंग, संयुक्त परियोजनाएं, और अनुसंधान साझेदारियों की दिशा में मार्गदर्शन करेंगी। कई विषय विशेषज्ञों के द्वारा दी जाने वाली विशेष व्याख्यानों से आशा है जो समृद्धि और नए सिद्धांतों का परिचय कराएंगे।फैकल्टी डेवलपमेंट सेण्टर की निदेशक प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि संकाय विकास केंद्र विश्वविद्यालय में शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ाने और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

हमारी प्रतिबद्धता संकाय सदस्यों को सशक्त बनाने, उन्हें भारत में उच्च शिक्षा के उभरते परिदृश्य के अनुरूप ढलने में सक्षम बनाने तक फैली हुई है। प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि इस समारोह के माध्यम से, उनका उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान में बदलाव लाना है और छात्रों को नए दिशानिर्देश और विचार प्रदान करना है ।

उन्होंने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप से शोधकर्ताओं में फिर से ऊर्जा का संचार होगा और शोध की गुणवत्ता में और सुधार करने में मदद मिलेगी। इस प्रतिस्पर्धी युग में, हमें खुद को लगातार बेहतर बनाने के लिए उचित ज्ञान और सही उपकरणों और प्लेटफार्मों से लैस होने की आवश्यकता है।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के निदेशक प्रो अनीता तोमर ने बताया कि कार्यक्रम में जापान, तुर्किये , इटली, स्पेन, रोमानिया, मोरक्को, स्लोवेनिजा, सर्बिआ, सऊदी अरबिया, कज़ाख़िस्तान, पाकिस्तान, रूस, चीन, ईरान, अल्जीरिया, सहित भारत के विशिष्ट उच्च शिक्षण संस्थानों के 130 प्राध्यापक एवं शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं तथा अनेक ख्यातिप्राप्त विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जायेंगे । हमारे साथी गणितज्ञ, और विभिन्न देशों से आए विज्ञानिकों के तथ्यकरण और अनुप्रयोग अपने ज्ञान को पुनर्निर्माण करने में सहायक होगा। तकनीकी कार्यक्रम समृद्ध और विविध है जिससे शिक्षाविदों और अनुसंधानकर्ताओं के बीच अंतरक्रिया को सुगम बनाए रखने में मदद होगी ।

यह अनुसंधानकर्ताओं को ऊर्जावान करेगी, नई विचारों को प्रदान करेगी, और अनुसंधान गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए फलदायक सुझाव देगी। प्रस्तुतियाँ भविष्य के नेटवर्किंग, संयुक्त परियोजनाओं, और अनुसंधान साझेदारियों की दिशा में मार्ग प्रस्तुत करेंगी ।

यह कार्यशाला अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी और सभी प्रतिभागियों के लिए लाभकारी साबित होगी । फैकल्टी डेवलपमेंट केंद्र के उप निदेशक डॉ अटल बिहारी त्रिपाठी ने सभी का आभार ज्ञापित किया ।

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