(सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर अलमोडा़ में’सुरम्य’ सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत)

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सोबन सिंह जीना परिसर के तीन दिवसीय ‘सुरम्य’ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत हुई ।मुख्य सभागार में मुख्य अतिथि रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट, सत्र के अध्यक्ष प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट, विशिष्ट अतिथि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शेखर चन्द्र जोशी, कुलानुशासक डॉ दीपक, संकायाध्यक्ष कला प्रो जगत सिंह बिष्ट, सांस्कृतिक सचिव किरन विश्वकर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत का गायन किया गया।

अतिथियों का बैज अलंकरण कर, प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा विश्वविद्यालय परिसर में ‘सुरम्य’ सांस्कृतिक समारोह का आयोजन होना सुखद है। विद्यार्थी अपने सांस्कृतिक मूल्यों को समझें और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आएं। वे अपनी जड़ों से दूर न होवें। उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारे लिए महत्वपूर्ण है और यह वर्षों की जमा पूंजी है।

आज हम इसी संस्कृति को जानने,- समझने के लिए उपस्थित हुए हैं। मुझे आशा है कि तीन दिवसीय महोत्सव में उत्तराखंड की सांस्कृतिक छवि प्रस्तुत की जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा अल्मोड़ा नगरी में हमेशा सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। उन्होंने अल्मोड़ा की सांस्कृतिक इतिहास को प्रस्तुत किया और सुरम्य के आयोजकों को बधाई दीं।

विशिष्ट अतिथि प्रकाश जोशी (अध्यक्ष,पूर्व नगर पालिका) ने अल्मोड़ा नगर के सांस्कृतिक इतिहास और सोबन सिंह जीना परिसर के कलाकारों को कला क्षेत्र में कार्य करने के लिए संदेश दिया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शेखर चन्द्र जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सुरम्य सांस्कृतिक महोत्सव के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति को प्रकट करती हुई प्रस्तुतियां देखने को मिल रही हैं। 18 से 20 जून,2024 तक आयोजित होने वाले इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रथम दिवस पर विभिन्न संकायों के कलाकारों की झांकियों ने दर्शकों का मन मोहा। संकायों के युवाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को उजागर करती हुई झांकियों को प्रस्तुत किया। साथ ही कुमाउनी झोड़ा, कृषि कार्यों को लोकनृत्यों में पिरोकर रंगारंग प्रस्तुति देकर दर्शकों की वाहवाहियां लूटी।

विभिन्न संकायों के बीच हुई लोक नृत्य प्रतियोगिता में झोड़ा, चांचरी की शानदार प्रस्तुति दी गयी। महोत्सव का संचालन डॉ संजीव आर्या एवं डॉ नीलम ने संयुक्त रूप से किया।रंगकर्मी एवं साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज, अंकित ने लोकनृत्य और डॉ रिज़वाना सिद्धिकी, डॉ संगीता पवार ने झांकी का निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रमों के प्रथम दिवस पर प्रो जगत सिंह बिष्ट (संकायाध्यक्ष, कला), प्रो रुबीना अमान, डॉ संदीप कुमार, डॉ कुसुमलता आर्या, डॉ मनोज कुमार बिष्ट,डॉ प्रज्ञा वर्मा, डॉ विजय बल्लभ, डॉ तिलक जोशी, डॉ योगेश मैनाली, डॉ पुष्पा वर्मा, डॉ विमल कांडपाल, नितिन रावत, प्रकाश भट्ट, गुलाब राम आदि के साथ सांस्कृतिक सचिव किरन विश्वकर्मा, छात्र संघ अध्यक्ष राहुल धामी ,छात्रा उपाध्यक्ष दीक्षा सुयाल,उपाध्यक्ष युवम वोहरा, महासचिव अक्षत जोशी, सचिव गौरव सतवाल,कोषाध्यक्ष हिमांशु रावत, छात्र महासंघ अध्यक्ष वरुण कपकोटी, अमित बिष्ट, संजू सिंह, लोकेश सुप्याल, दीपेश कांडपाल, बाल विक्रम सिंह, नितिन रावत के साथ समस्त अधिष्ठाता छात्र कल्याण और कुलानुशासक मंडल के सभी सदस्यों के साथ परिसर के शिक्षक, शिक्षणेत्तर बंधु और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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