’स्वच्छता ही सेवा’ के अन्तर्गत आज जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई, स्वजल, पिथौरागढ़ द्वारा पिथौरागढ़ जनपद के ’’सीमान्त गांव सेला’’ में स्वच्छता ही सेवा-2023 के अन्तर्गत स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें लगभग 40 स्थानीय निवासियों तथा पर्यटकों द्वारा भागीदारी की गयी। सेला गांव में स्वजल उत्तराखण्ड द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत समय-समय पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। सेला गांव ’वाईब्रेंट विलेज’ भी घोषित है।
जनपद पिथौरागढ़ के विकास खण्ड-धारचूला के अंतर्गत अति दुर्गम ग्राम पंचायत सेला, जिला मुख्यालय पिथौरागढ से लगभग 150 किमी0 की दूरी पर अवस्थित अंतराष्ट्रीय सीमा में लगी हुयी जनपद पिथौरागढ में एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। सेला ग्राम पंचायत एक मौसमी प्रवास वाली ग्राम पंचायतों में सम्मिलित है, सर्दियों के मौसम में सभी ग्रामवासी धारचुला में निवास करते हैं।
सेला ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान श्रीमती सरिता देवी के सार्थक प्रयासों से ग्राम पंचायत पर्यावरणीय दृृश्टिकोण स्वच्छ है। 2011 की जनगणना के अनुसार ग्राम पंचायत में कुल 63 परिवार, कुल जनसंख्या 211, पुरुष 114, महिला 97, कुल अ0जा0 जनसंख्या 28 एवं कुल अनुसूचित जनजाति जनसंख्या 158 हैं। सेला ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत ज्ैच् की श्रेणी में है।
स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के अंतर्गत सीमांत ग्राम पंचायत-सेला में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन का कार्य हेतु मनरेगा तथा पंचायती राज विभाग के समन्वय से आवश्यकतानुसार 72 मी0 निकासनाली, 04 समुदायिक सोख्ता गड््ढे, 01 स्टील वाला सामुदायिक कूडादान एवं इस सीमान्त ग्राम में एक ग्राम स्तरीय प्राथमिक प्लास्टिक एकत्रीकरण केन्द्र निर्मित करवाये जाने हेतु अतिषीघ्र प्रारम्भ किया जायेगा।
स्वच्छता ही सेवा- 2023 के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेला में 29 सितम्बर, 2023 को महिला मंगल दल 20 सदस्यों द्वारा स्वच्छिक स्वच्छता श्रमदान किया गया। श्रमदान के दौरान गांव के आम रास्ते, सार्वजनिक स्थल, सामुदायिक भवनों के परिसरों में वृृहद स्तर पर सफाई की गयी।