चिलचिलाती गर्मी से अब जल्द लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, इस वर्ष, मानसून का पूर्वी भाग 31 मई को आने के बाद से स्थिर बना हुआ है। अच्छी खबर यह है कि मॉनसून के पूर्व की ओर बढ़ने और कई राज्यों में आवश्यक वर्षा के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं।सिन्धु-गंगा के मैदानी इलाकों में लगातार तेज़ पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं। इन हवाओं ने एक अवरोध के रूप में काम किया है, जो मानसून को पूर्व और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों की ओर बढ़ने से रोक रहा है। दक्षिण-पूर्व उत्तराखंड से पूर्वी बिहार तक फैले ” (कम दबाव का एक लम्बा क्षेत्र) बनने से , पूर्वी बिहार और इससे सटे पश्चिम बंगाल पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। ये घटनाक्रम ट्रिगर के रूप में कार्य करेंगे, जो मानसून की पूर्व दिशा की ओर बढ़ने में सहायता करेंगे।
परिणामस्वरूप, उम्मीद है कि अगले 3 से 4 दिनों के भीतर पूर्वी भारत और मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। जिससे बिहार, झारखंड, ओडिशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो भीषण गर्मी की स्थिति से जूझ रहे हैं बरसात के चलते वहां तापमान कम होगा।इस तरह 24 या 25 जून तक मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश तक पहुंचने की संभावना है। इसी अवधि के दौरान पूर्वी राजस्थान और गुजरात में भी बारिश की गतिविधि तेज होने की उम्मीद है।उत्तराखंड की बात करें तो मौसम विभाग ने 22 जून तक मौसम पूर्वानुमान जारी किया है जिसके तहत उत्तरकाशी चमोली रुद्रप्रयाग जनपदों में येलो अलर्ट के तहत कहीं-कहीं गरजन के साथ आकाशीय बिजली गिरने और वर्षा के तीव्र दौर तथा झक्कड़ आने की संभावना जताई है इसके अलावा टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल,पिथौरागढ़ क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट के तहत कहीं के गरजन के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा वर्ष के तेज दौर और झक्कड़ आने की संभावना भी मौसम विभाग में जताई है मौसम विभाग का कहना है कि पिथौरागढ़. बागेश्वर. अल्मोड़ा. चंपावत. नैनीताल. उधमसिंह नगर .तथा हरिद्वार जनपदों में कहीं-कहीं गगरजन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और वर्षा के तेज दौर में वृद्धि और होने की संभावना है जबकि अधिकांश जनपदों में 21 जून से 22 जून तक मौसम में कोई खास तब्दीली होती हुई नहीं दिख रही है।