सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा के कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट एवं रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी धु्रवेशानन्द के बीच भविष्य में आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन पर चर्चा हुई।

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स्वामी विवेकानंद-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केन्द्र द्वारा रामकृष्ण कुटीर के सहयोग से देश-विदेश में स्थापित विवेकानन्द अध्ययन केंद्र सहयोगियों के साथ विवेकानन्द जी के अनुयायी, संत आदि भी इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में शामिल होंगे और उन स्थानों का भ्रमण करेंगे, जहां स्वामी विवेकानन्द जी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस आयोजन के लिए दोनों संस्थानों के बीच रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा में बैठक हुई।

बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केन्द्र के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिन-जिन स्थानों पर स्वामी विवेकानन्द जी ने साधना की है उन उन स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों यथा-भ्रमण कार्यक्रम, गोष्ठी आदि का आयोजन किया जाएगा। इन स्थानों में काकड़ीघाट, निवेदिता कुटीर, थाप्सन हाउस, स्याही देवी, कसारदेवी आदि स्थानों में रिसर्चर, विद्यार्थी, संत आदि भ्रमण कर स्थानीय समाज, पर्यावरण, उन स्थानों की संस्कृति से जुड़ेंगे। इन स्थानों पर भ्रमण होने से उन स्थानों में रहने वाले जनसमुदाय की आर्थिकी भी मजबूत होगी। साथ ही इस भ्रमण कार्यक्रम में जनसमाज एवं विद्यार्थी भी उन स्थानों से जुड़कर आध्यात्मिक ऊर्जा लेने के साथ प्रेरित होंगे।
कुलपति प्रो0 बिष्ट ने आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केंद्र द्वारा भविष्य में संचालित किए जाने वाले सार्टिफिकेट/डिप्लोमा/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को संचालित करने की बात दुहराई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही विवेकानन्द स्टडीज, पर्सनालिटी एवं डेवलेपमेंट को लेकर सार्टिफिकेट कोर्स/डिप्लोमा कोर्स आदि का संचालन करने जा रहा है, इसके लिए सेंटर के संयोजक एवं सह संयोजकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी धु्रवेशानन्द महाराज ने कर्बला, निवेदिता कुटीर, स्याही देवी, सुयालबाड़ी स्थित में उस स्थान/क्षेत्र की विशेषताओं को बतलाते हुए भ्रमण कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए बात कही। उन्होंने कुलपति प्रो0 बिष्ट को आस्वस्थ करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी इन स्थानों से जुड़े हैं, उन्होंने उस आध्यात्मिक उर्जा को ग्रहण कर भारतीय संस्कृति को विश्वभर में चर्चा के केन्द्र में ला दिया। अतः विश्वविद्यालय के छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए ऐसे आयोजन लाभदायी होते हैं, कुटीर हरसंभव सहयोग करेगा। स्वामी धु्रवेशानंद महाराज ने कहा कि भविष्य में कुटीर द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए अध्ययन केंद्र के साथ मिलकर विद्यार्थियों के लिए व्यक्तित्व विकास को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी। विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा, उनके व्यक्तित्व को निखारा जाएगा। जिससे हमारे युवाओं का व्यक्तित्व का विकास हो सके। उन्होंने सेमिनार के संबंध में बताया कि इस सेमिनार में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर लब्धप्रतिष्ठित मोटिवेशनल स्पीकरों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने अध्ययन केन्द्र के संयोजक एवं सह संयोजक के प्रयासों की सराहना की एवं उन्हें आगामी प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के लिए तैयारियों को लेकर निर्देशित भी किया।
कुटीर में आयोजित हुई इस बैठक में स्वामी विवेकानन्द-महात्मा गांधी आध्यात्मिक परिपथ, अध्ययन केन्द्र के संयोजक डाॅ0 चन्द्र प्रकाश फुलोरिया, सह संयोजक डाॅ0 ललित चंद्र जोशी, स्वामी अर्पण महाराज, स्वामी देव्यानन्द महाराज आदि उपस्थित रहे।

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