( लचीली स्वास्थ्य सेवाओं को कोसने के अलावा चिकित्सकों का उत्साह बढ़ाने की दरकार)
आये दिन लचीली स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सकों को कोसने की खबरें आती है, कभी कभी ऐसा भी सुनने को मिलता है कि चिकित्सकों की टीम ने सराहनीय काम कर जान बचाई। समाज का हौसला अफजाई का फ़र्ज़ तो बनता है।
ऐसा ही कुछ बेस चिकित्सालय मेडिकल कालेज अलमोडा़ के गायनिक विभाग (प्रसूति विभाग) में देखने को मिला है।बेस अस्पताल, मेडिकल कालेज अल्मोडा के गायनिक विभाग ने एक 28 साल की महिला की जोकि 2 साल से बहुत बड़े 10×15 सेंटीमीटर फायबराड रोग से पीड़ित थी।
महिला और उनके पति के अनुरोध पर डाक्टरोंकी टीम ने केवल फायबराड ही निकालने का फैसला लेकर सफल आप्रेशन किया।यह आप्रेशन डाक्टर उषा, डाक्टर श्वेता ,डाक्टर स्पन्दना, के द्वारा किया गया।मरीज को बेहोशी निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर उर्मिला के देखरेख मे डाक्टर आदित्य, डाक्टर सायमा, डाक्टर सम्पूर्ण और डाक्टर करन जोत कौर के द्वारा दिया गया। महिला कोक्ष5 बोतल ब्लड भी चढ़ाया गया ।अब मरीज की स्थिती सामान्य है। महिला के दो बच्चे हैं।


