( भ्रष्टाचार के संकेत, जांच जरूरी)

समाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन जोशी ने एक बयान जारी कर कहाअल्मोड़ा नगर एंव ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था बदहाल स्थिति में आ चुकी हैं। कोसी नदी में विगत एक हफ्ते पहले आई भारी गाद के कारण नगर एंव खासप्रजा की जनता दूषित एंव बदबूदार पानी पीने को मजबूर हुई हैं।

लेकिन, उत्तराखण्ड जल संस्थान के जिम्मेदार अधिकारी जनता एंव शासन-प्रशासन को गुमराह करके अपनी जिम्मेदारियों पर लीपापोती करके नगर की जनता को दूषित पानी परोस रहे हैं।जबकि जनपद की जिला योजना से हरवर्ष करोड़ो रूपये की योजनायें मटेला के पुराने पम्प के नाम पर लगाये जा रहे हैं। जबकि , परिणाम हरवर्ष की भाँति शून्य हैं।

योजनाओं के नाम पर जिला योजना ऒर राज्य योजना के तहत जो धनराशि बड़े पॆमाने पर पुराने मटेला पम्प पर खर्च की जा रही हैं। उसमें कहीं ना कहीं भष्ट्राचार के संकेत हैं। क्योंकि, अगर उक्त पम्प पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी अगर नगर की जनता सहित खासप्रजा की जनता को बदबूदार ऒर मटमॆला दूषित पानी पीने को मिल रहा हैं। तो इसकी जाँच अवश्य होनी चाहिए ।

क्योंकि, जनता के जीवन से जुडा़ बेहद संवेदनशील प्रश्न हैं। कि संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जनता के जीवन के साथ घिनॊना खेल रच रहे हैं । वहीं , मजबूर अल्मोड़ा नगर की जनता सहित ग्रामीण जनता प्राकृतिक जल स्त्रोतों में साफ पीने योग्य पानी के लिए घन्टों दिनरात अपना महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर लाईन में लगकर बड़ी मशकत से एक गॆलन पानी प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन, सवाल फिर वही जनता के जीवन से जुड़ा होने के कारण ये उठता हैं। कि जिन नॊलों-धारों से जनता पीने के पानी की आस में घण्टों लाईन में लग रही हैं।

उन, क्या नॊलों-धारों का पानी पीने योग्य हैं या दूषित पानी हैं? इसकी जिम्मेदारी कॊन सा विभाग देगा। ये जन जीवन से जुड़ा बेहद बड़ा प्रश्न हैं। क्योंकि इस पर विगत अनेक वर्षो से अल्मोड़ा के जिम्मेदार नागरिक सेवा से जुड़े विभागों में एक-दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी थोपनी की पुरानी परम्परा बदसूरत जारी है। ऒर आगे भी रहेगी।

क्योंकि अल्मोड़ा में जन समस्याओं के दीर्घकालिक निदान एंव विशेषकर विभागों के बीच आपसी परस्पर समन्वय की कमी का बड़ा असर नगर सहित ग्रामीण जनता वर्षों से झेलते आ रही हैं। एक मन की बरबस बड़ी चिन्ता को लेकर मेरे मन ये शब्द उभरे है। इसलिए , नगर का एक नागरिक होने के कारण मेरा विशेष आग्रह राजनैतिक दलों के सत्ता-विपक्ष के जिम्मेदार नेताओं सहित वर्तमान जनप्रतिनिधियों एंव जिला प्रशासन के जनपद स्तरीय अधिकारियों से आग्रह हैं।

कि अब अल्मोड़ा नगर के स्वरूप को बचाने के लिए एंव बार-बार की घटना से सबक लेकर पेयजल जॆसी महत्वपूर्ण विषय पर बॆठकर एक दीर्घकालिक योजना को धरातल में लागू करके अल्मोड़ा की जनता को एक बारिश के बाद पीने के पानी के लिए दर-दर भटकने से रोकने की अनुकरणीय पहल आरम्भ की जाय।

Advertisement