हल्द्वानी। भीमताल और आसपास के क्षेत्र में आंतक का पर्याय बन चुका आदमखोर बाघ आरिखकार पकड़ा गया है। 19 दिन बाद कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम में लगे बाघ विशेषज्ञों ने सोमवार की देर रात 12 जंगलियागांव में घूम रहे बाघ को ट्रैंकुलाइज कर ही लिया। ट्रैंकुलाइज बाघ को वन विभाग ने रानीबाग रेस्क्यू सेंटर हल्द्वानी भेज दिया है। बाघ पकड़े जाने की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।

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वन विभाग के अधिकारी ट्रैंकुलाइज किए बाघ को नरभक्षी होने का अंदेशा जता रहे हैं। हालांकि बाघ के सैंपल को डब्लूआईआई देहरादून भेजकर ही पुष्टि होने की बात कही है।वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि सोमवार की रात 12 बजे जंगलियागांव में बाघ विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती, डॉ. दुष्यंत ने अपनी टीम के साथ क्षेत्र में घूम रहे नरक्षभी बाघ को ट्रैंकुलाइज किया। उन्होंने कहा कि बाघ को ट्रैंकुलाइज करने में बड़ी मश्क्कत करनी पड़ी। मेलकानी ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नरभक्षी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंदेशा है कि इसी ने तीन लोगों को मारा है। हालांकि पुष्टि डब्लूआईआई देहरादून को भेजे जा रहे सैंपल की रिपोर्ट के बाद ही होगी। बाघ पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

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