अल्मोड़ा-आज पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक फलसीमा गांव में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पदमसिंह के परिवारजनों का सम्मान करने पहुंचे ।श्री कर्नाटक ने परिवारजनों को अंगवस्त्र भेंट करते हुए मेडल तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर श्री कर्नाटक ने अपने सम्बोधन में कहा कि फलसीमा निवासी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पदमसिंह 1929 में जब महात्मा गांधी अल्मोड़ा आये तो उनकी जनसभा में स्व० पदमसिह अपने अनेक साथियों के साथ पहुंचे। गांधी जी की इस जनसभा में अत्यधिक भीड़ थी।जिस कारण गांधी जी की मोटर गाड़ी के नीचे पदमसिंह आ गये और घायल हो गये। महात्मा गांधी स्वयं उन्हें लेकर जिला चिकित्सालय गये ।

जहां तीन दिन बाद पदमसिंह की मृत्यु हो गयी‌। लेकिन स्वतन्त्रता आन्दोलन पर इसका कोई प्रभाव न पड़े इस उद्देश्य के साथ स्व० पदमसिंह ने जिला चिकित्सालय में बयान लेने आये मजिस्ट्रेट को कोई भी बयान नहीं दिया। पदमसिंह की मृत्यु के बाद गांधी जी सहित अनेकों लोगों ने चन्दा जमा कर स्व० पदमसिंह के परिवार वालों तक पहुंचाया लेकिन उनके परिवार ने इसे स्वीकार नहीं किया।श्री कर्नाटक ने कहा कि स्व० पदमसिह ने एक बहुत बड़ी कुर्बानी दी जो इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।श्री कर्नाटक ने बताया कि अभिलेखों के अनुसार स्वाभिमानी पदमसिंह ने महात्मा गांधी से कहा था मैं धन नहीं चाहता इसकी जरूरत भी नहीं है।

सिर्फ आपकी प्रेम दृष्टि की ही आवश्यकता है।पदमसिंह की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने चंदे की एक भी कौड़ी स्वीकार नहीं की और जवाब भिजवाया कि हमें गांधी जी का आशीर्वाद मात्र चाहिये और कुछ नहीं।पदमसिंह की सहायता के लिये जब एक सज्जन ने महात्मा गांधी जी को 100 रूपये का चैक भेजा तो गांधी जी ने यह कहकर लौटा दिया कि पदमसिंह के परिजन इस चैक को स्वीकार नहीं करेंगे। इस घटना से महात्मा गांधीजी को भी बड़ा आघात लगा था।अपने मित्र को लिखे एक पत्र में गांधीजी ने लिखा कि पदमसिंह की मृत्यु से लगा आघात पौत्र रसिक की मृत्यु से भी अधिक है।इसके साथ ही फलसीमा गांव वालों ने श्री कर्नाटक को बताया कि हर जल घर,घर घर नल योजना के तहत फलसीमा में विभाग के द्वारा केवल पांच सौ मीटर पेयजल लाइन डालकर इतिश्री कर ली गयी है जिसके चलते पूरा गांव पानी की समस्या से जूझ रहा है। गांव वालों ने बताया कि उन्होंने अनेकों बार जनप्रतिनिधियों एवं विभाग के सामने पेयजल समस्या के लिए अपना रोना रोया पर कोई सुनवाई नहीं हुई।जिस पर श्री कर्नाटक ने तत्काल जल निगम के अधिशासी अभियन्ता से दूरभाष पर वार्ता कर कल मंगलवार को फलसीमा का दौरा कर तुरन्त पेयजल लाइन गांव में पहुंचाकर हर घर में इसका कनेक्शन देने की मांग की।इसके साथ ही श्री कर्नाटक ने अल्टीमेटम भी दिया कि यदि अविलम्ब फलसीमा में पेयजल लाइन डालकर ग्रामवासियों को पानी नहीं दिया गया तो उन्हें चक्काजाम जैसी कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।स्व० पदमसिह के परिवार के लक्ष्मण सिंह बिष्ट, कुन्दन सिंह बिष्ट,मनोज सिंह बिष्ट एवं किशन सिंह बिष्ट को श्री कर्नाटक ने सम्मानित किया।इस अवसर पर देवेन्द्र प्रसाद कर्नाटक,रोहित शैली,हेम जोशी,राकेश बिष्ट सहित तिलोक सिंह बिष्ट,दीवान सिंह बिष्ट,बलवन्त सिंह बिष्ट,विनोद सिंह बिष्ट,बिशन सिंह बिष्ट,दीवान सिंह बिष्ट, संतोष सिंह बिष्ट,कमल सिंह बिष्ट,हरीश सिंह बिष्ट,दीवान सिंह बिष्ट,गणेश सिंह बिष्ट,चन्दन सिंह बिष्ट,भुवन सिंह बिष्ट,पंकज सिंह बिष्ट,राजन लाल,रामलाल,जीवन लाल,दानू राम,पारस बिष्ट,कौशल बिष्ट, राजेन्द्र आर्या,दानू आर्या,विजय सिंह बिष्ट,किशन सिंह बिष्ट, विक्रम सिंह बिष्ट, नवीन चन्द्र आर्य,रमेश लाल, महेन्द्र राम,पप्पू राम,चन्दन सिंह,भूपाल सिंह, नन्दन सिंह समेत सैकड़ों ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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