,(पुरानी पहाड़ की जाड़ों में कमरे में आग तापने की व्यवस्था को जीवित रखा है, आधुनिक युग में)।
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अल्मोड़ा के लगभग एक सौ साल पुराने वन विभाग के कार्यालय में एक दृश्य देख पुराने बचपन की यादें ताजा हो गयी। वनाधिकारी दीपक सिंह के कक्ष में पहाड़ों में जाड़ों में सदियों पुरानी व्यवस्था कमरे में एक कोने पर चूल्हे का आकार देकर लकड़ी जला कमरा गर्म करने की व्यवस्था को देखा।
सुसज्जित कक्ष में यह व्यवस्था एक आश्चर्यजनक लगी, किन्तु सत्य व संस्कृति को विरासत में संजोने की। ना कोई धूंआ, कमरा हीटर से ज्यादा तेज गर्म। शीतकालीन समय १५ नवंबर से १५ मार्च तक कोयले की अंगीठी से आफिसों को गर्म कर काम करना अब विलुप्त सी हो गयी है।दीपक जी का कहना है छोटी छोटी लकड़ी को एकत्र कर यह व्यवस्था की गयी है, जिससे कमरा भी ज्यादा गर्म रहता है, और खर्च भी काफी कम होता है।
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