सोयाबीन एवं भट्ट पर्वतीय क्षेत्रों की महत्वपूर्ण फसलें है। इनके महत्व को ध्यान में रखते हुए भा०कृ०अनु०प० विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा विगत वर्षों में अल्मोड़ा जिले के पाटिया कोट्यूड़ा एवं भटगाँव में भट्ट एवं सोयाबीन के अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन लगाए गए थे जिसमें सोयाबीन की उन्नत प्रजाति वी०एल० सोया 89 एवं बी०एल० भट्ट 201 ने स्थानीय प्रजातियों की तुलना में सोयाबीन में 25-30 प्रतिशत तथा भट्ट में 45-50 प्रतिशत की उपज वृद्धि दर्ज की थी। तत्पश्चात इन प्रजातियों की उत्पादकता को देखते हुए इन गाँवों में कृषकों ने विवेकानन्द संस्थान की वैज्ञानिक डॉ अनुराधा भारतीय के सहयोग से इन प्रजातियों का वृहद स्तर पर बीजोत्पादन करना आरम्भ कर दिया। प्रगतिशील कृषकों श्री कुंदन सिंह बिष्ट, ग्राम कोट्यूड़ा, देवेन्द्र बिष्ट एवं ग्राम-पाटिया, उमा भट्ट, ग्राम भटगाँव ने स्वयं ही काफी अधिक मात्रा में उन्नत प्रजातियों का बीजोत्पादन करके अन्य कृषकों के लिए एक मिसाल कायम की प्रगतिशील कृषक श्री कुंदन सिंह बिष्ट के अनुसार इस वर्ष पाटिया कोट्यूड़ा एवं भटगाँव के लगभग 120 कृषक वी०एल० सोया B9 एवं पी०एल० भट्ट 201 बीजोत्पादन में सम्मिलित है। इन गाँवो में बीजोत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को सोयाबीन प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अमित पश्चापुर, कीट विज्ञान; वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र मीणा, सस्य विज्ञान ने कृषकों से सोयाबीन एवं भट्ट के बीजोत्पादन के दौरान होने वाली समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। इस कार्यक्रम में लगभग 41 कृषकों ने भागीदारी की। डॉ अनुराधा भारतीय वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा कार्यक्रम का आयोजन एवं संचालन किया गया।

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