उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत विषय भी पढ़ाया जाएगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि राज्य के मदरसों में एनसीईआरटी के अंतर्गत आने वाले विषय पढ़ाए जाएंगे।

जिसके बाद राज्य में राजनीति भी शुरू हो गई है। मदरसों में मुस्लिम छात्र संस्कृत, हिंदी समेत अरेबिक या दूसरी भाषाओं के विषय का भी चयन कर सकेंगे। इसके लिए सरकार के साथ वक्फ बोर्ड लगातार कोशिशों में लगा है।

वक्फ बोर्ड की ओर से प्रदेश के चार जिलों में शुरुआती तौर पर चार मदरसों को मॉर्डन किया जा रहा है। इसके तहत वक्फ बोर्ड ने ‘एक हाथ में लैपटॉप, एक हाथ में कुरान’ का नारा दिया है।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि राज्य में मॉर्डन मदरसे बनाए जा रहे हैं। जिसमें एनसीईआरटी के विषयों को पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिहाज से एक छात्रा के द्वारा संस्कृत में कुरान लिखी है, जिन्हें मदरसों शिक्षा कमेटी में भी शामिल किया गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने वक्फ बोर्ड की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य में संस्कृत के साथ-साथ मदरसों में अन्य भाषाओं को भी पढ़ाने की जरूरत है, जिससे मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अन्य भाषाओं का भी ज्ञान हो सके। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज कल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सिस्टम के नजदीक आने के लिए जमकर चाटुकारिता भी कर रहे हैं।

इसी प्रकार वक्फ बोर्ड में पंजीकृत सभी मदरसों को चरणबद्ध तरीके से मॉर्डन मदरसा शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इस दौरान मुहम्मद आरिफ, खालिद मंसूरी, पूजा रावत, उस्मान मुफ्ती, अहसान कारी, इरफान कारी, शहजाद दिलशाद, मौलवी रिहान, कारी अब्दुल खालिद आदि उपस्थित थे।

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