( वृक्षारोपण के मद में आये पैसे का अन्य मद में प्रयोग करने का मामलाइस समाचार को हमने प्राथमिकता के साथ प्रसारित किया था।)
राष्ट्र नीति संगठन के तत्वाधान में एडवोकेट विनोद तिवारी और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री राज्यपाल और लोक लेखा समिति को दिया ज्ञापन दिया था।जिसमें वन विभाग के पैसे जिससे पेड़ लगाए जाने थे उन पैसों से लैपटॉप आईफोन और रेफ्रिजरेटर खरीदने का मामला सामने आया था। ज्ञापन में मुकदमा दर्ज कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी ।

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इस समाचार को हमने प्राथमिकता दी थी।
सर्वोच्च न्यायालय की एक बेंच जिसमें जस्टिस बी आर गंवई, ए जी मसीह की बैंच ने न्याय मित्र के परमेश्वर के सुझाव पर स्वत संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड में वन विभाग मेंवित्तीयअनियमितताओं को लेकर के जो कैग की रिपोर्ट आई थी न्यूज़ में प्रकाशित खबरों के आधार पर स्वत संज्ञान लिया
और अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस पूरे प्रकरण पर उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।
इस प्रकरणपर राष्ट्र नीति संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद तिवारी ने कहा है कि राष्ट्र नीति संगठन के द्वारा ज्ञापन देकर के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और लोक लेखा समिति को यह संज्ञान में लाया था तथा प्रदेश की जागरूक मीडिया ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और अब मीडिया से प्रकाशित खबरों के आधार पर ही स्वत संज्ञान लेकर के सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी सुनवाई करवाया जाना एक बहुत बड़ी जीत है और इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मीडिया की ताकत को तथा जागरूक नागरिकों के आवाज को देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर में पहुंचाना अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। इस विषय पर उन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद किया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनता के हित एवं सरोकार में लिए गए ऐसे निर्णय से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा मजबूत आवश्यक होगा।

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