उत्तराखंड में आंचल एक जाना पहचाना ब्रांड हैं आंचल का दूध और दूध से बने उत्पाद खासे पसंद किए जाते हैं। पहली बार उत्तराखंड दुग्ध सहकारी फेडरेशन ने त्योहारी सीजन में देसी घी से बने लड्डू, पेड़ा, चॉकलेट, बाल मिठाई और नॉन खटाई तैयार कराई थी। आंचल दूध की तरह की लोगों को आंचल की मिठाइयां भी खूब पसंद आई और मिठाई बेचकर ही फेडरेशन को 60 लाख रुपये की कमाई हुई है।
दुग्ध विकास विभाग के संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा के मुताबिक पहले बाजार में आंचल ब्रांड का खुला दूध, लस्सी, दही, घी ही बाजार में उपलब्ध था।
लेकिन विभागीय मंत्री के निर्देशों पर आंचल ने इस बार नई पैकेजिंग के साथ कई तरह की मिठाइयां बाजार में उतारी है। आंचल खुद ही मिठाइयां तैयार कर रहा है। मिठाइयों के लिए देसी घी, खोया सब कुछ आंचल तैयार करता है। जिसमें मिलावट की संभावना नहीं रहती है।
त्योहारों पर लोगों ने आंचल की मिठाइयों को खूब पसंद किया है।पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री, सौरभ बहुगुणा के अनुसार, आंचल अब सिर्फ दूध के कारोबार तक सीमित नहीं है। वह दूध और उससे बनने वाले उत्पादों को भी बाजार में उतार रहा है।
मंत्री बहुगुणा का कहना है कि आंचल की दूध और मिठाइयां दूसरी कंपनियों के उत्पादों से गुणवत्ता और स्वाद में बेहतर है। इसलिए इनकी मांग हमेशा बनी रहती है।
आंचल के उत्पादों में किसी भी तरह की मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में इनकी शुद्धता उत्तम है। कहा कि दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पाद बनाने से दुग्ध उत्पादकों को भी आर्थिक रूप से लाभ होगा।