देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून में शुक्रवार (12 जुलाई) को एक संदिग्ध रेडियोएक्टिव मटेरियल वाले बॉक्स रखने के आरोप में पांच लोगों को अरेस्ट किया. देहरादून पुलिस को राजपुर थाने में गुरुवार को एक मुखबिर ने यह सूचना दी थी कि शहर के किसी एक फ्लैट में कुछ संदिग्ध लोग आए हुए हैं. मुखबिर ने पुलिस को बताया था कि यह लोग एक रेडियोएक्टिव डिवाइस लेकर आए हैं और उसे खरीदने या बेचने के बारे में बात कर रहे थे।

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सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और फ्लैट पहुंचकर छापेमारी की, जहां पांच लोग मौजूद थे. उनके पास एक डिवाइस मिला, जिस पर रेडियोग्राफ कैमरा निर्मित बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी, भारत सरकार, परमाणु ऊर्जा विभाग BARC/BRIT वाशी कॉम्प्लेक्स सेक्टर 20 वाशी नवी मुंबई लिखा हुआ था।

रेडिएशन का खतरा

पुलिस ने यह भी बताया कि पकड़े जाने पर संदिग्धों ने यह भी बताया कि इसमें रेडियोएक्टिव पावर है और इसे खोलने पर रेडिएशन का खतरा है. पुलिस ने बताया कि कुछ और भी लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस का कहना है कि रेडिएशन फैलने के खतरे को देखते हुए पुलिस की टीम ने उस डिवाइस को एक कमरे में सील कर दिया है और इसकी जानकारी रखने वाली दूसरी टीम को बुलाया।

BARC में बनाए जाते हैं ऐसे डिवाइस

जांच में पाया गया कि डिवाइस में रेडियोधर्मी पदार्थ होने की संभावना है. यह भी पता चला है कि यह डिवाइस मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र यानी कि BARC में बनाए जाते हैं और इन डिवाइस का उपयोग मेडिकल क्षेत्र में बड़ी पाइपलाइनों में लीकेज की जांच के लिए किया जाता है।

गुरुग्राम के शख्स के साथ होनी थी डील

पुलिस ने जब सारी चीजों को जब्त किया तो कमरे में मौजूद संदिग्धों की पहचान भी की. इसमें आगरा निवासी सुमित पाठक, सहारनपुर निवासी तबरेज आलम, नई दिल्ली निवासी सरवर हुसैन और भोपाल निवासी जैद अली और अभिषेक जैन के रूप में हुई है. पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की, जिसमें तबरेज आलम ने बताया कि उसने 10-11 महीने पहले अपने जान पहचान वाले रशीद उर्फ समीर से यह डिवाइस खरीदा था और इस डिवाइस की खरीद फरोख्त के बारे में गुरुग्राम के रहने वाले सुमित पाठक से मिलने आया था।

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