भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर से संन्यासी बने पायलट बाबा नेलंबी बीमारी के बाद मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में अंतिम सांस ली।

Advertisement

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में प्रतिष्ठित पायलट बाबा का असली नाम कपिल सिंह राजपूत था। वे 1961 में चीन और 1965 एवं 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों में भाग ले चुके थे। उनकी बहादुरी और सेवा के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया था।

उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।पायलट बाबा का अंतिम संस्कार हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में किया जाएगा, जहां उन्हें समाधि दी जाएगी उल्लेखनीय है कि पायलट बाबा ने नैनीताल जनपद के गेठिया ग्राम में एकड़ों जमीन में वर्ष १९८५ के आसपास भव्य मंदिर का निर्माण कराया। देवभूमि उत्तराखंड की कुमाऊं की वादियों से उन्हें विशेष लगाव रहा। उन्होंने साधना हेतु पहाड़ को ही चुना।

Advertisement
Ad Ad Ad
Advertisement
Advertisement
Advertisement