पूरा देश चंद्रयान अभियान के सफल होने के इंतजार में है। इस अभियान में झारखंडी प्रतिभाओं की भी अहम भूमिका है। झारखंड के युवाओं ने अभियान के शुरुआत से लेकर लैंडिंग तक अहम भूमिका निभाई है। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बनने के बेहद करीब है। चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे 25 Km की ऊंचाई से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी।

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लैंडिंग में आयुष झा को मिली है अहम जिम्मेदारी

आयुष झा

वैज्ञानिकों की टीम में झारखंड के युवा वैज्ञानिक आयुष झा शामिल हैं। आयुष के पिता ललन कुमार झा चक्रधरपुर में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे। आयुष मिशन चंद्रयान 2 का भी अहम हिस्सा रहे उन्होंने रडार को बनाने में अहम भूमिका बनाई है। चंद्रयान 3 के रडार बनाने में भी इनकी अहम भूमिका है। पूरे देश की नजर लैंडिंग पर है और इस लैंडिंग में आयुष की भी अहम भूमिका होने वाली है। पश्चिमी सिंहभूम के जवाहर नवोदय विद्यालय में दसवीं करने के बाद बिष्टुपुर से 12वीं की पढ़ाई की। जेईई सफल होने के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम गये। ग्रेजुएशन 2016 में पूरा हो गया। इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर अहमदाबाद में साइंटिस्ट के रूप में ज्वॉइन किया। शुरुआत चंद्रयान-2 मेंरडार के विकास का काम किया। चंद्रयान-3 में रडार विकास के साथ उसकी लैंडिंग और लॉन्च व्हीकल मिशन पर काम किया।

तपकरा के सोहन ने प्रक्षेपण में निभाई अहम भूमिका

इसी तरह सोहन कुमार यादव भी देश के इस महत्वपूर्ण अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं बिरसा शिशु विद्या मंदिर से पांचवी तक की पढ़ाई की फिर जवाहर नवोदय विद्यालय इसके बाद डीएवी बरियातू से होते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेश सांइंस एंड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए केरल पहुंच गये। ये भी चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 दोनों अभियान से जुड़े हैं। सोहन के पिता शिवशंकर यादव ट्रक चलाते थे।चंद्रयान 2 के दौरान उनके अनुभव चंद्रयान 3 के मिशन में काम आये इसमें इनका काम डिजाइन, डेवलपमेंट और क्लासिफ़िकेशन ऑफ प्रोपल्शन जो चंद्रयान को गति देता है उसका काम था। धरती से सफलता पूर्वक उड़ान भरने में तकनीक और उसकी दूसरे पहलुओं पर काम करने की अहम जिम्मेदारी इनके पास थी। फिलहाल वो जर्मनी में और आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, झारखंड में मैंने देखा कि यहां के छात्र खासकर ग्रामीण छात्रों को स्पेस में खूब इंटरेस्ट है। यहां स्कूल में ही रिसर्च व डेवलपमेंट की पढ़ाई हो, तो आगे स्टूडेंट्स बहुत अच्छा कर सकते हैं।

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