( अल्मोड़ा जनपद की संस्कृति को संजोए रखने व विकास के इस तरह के प्रयास जरूरी, सचिव संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड को विद्यालय खोलने के लिए पत्र लिखा)

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जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने जागेश्वर धाम के समीप संस्कृत विद्यालय खोलने की अनूठी पहल की है। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि अल्मोड़ा नगर की सांस्कृतिक पहचान के अनुरूप ही यहां संस्कृति को संजोए रखने के साथ साथ संस्कृति के विकास के लिए सकारात्मक कार्य भी होने चाहिए। अल्मोड़ा की सांस्कृतिक पहचान को जीवंत रखने के लिए यहां सांस्कृतिक गतिविधियों के विकास के लिए भी निरंतर कार्य किए जाने अनिवार्य हैं। यहां श्री जागेश्वर धाम, कटारमल सूर्य मंदिर , नंदा देवी मंदिर जैसे अनेक पुरातन मंदिर स्थित हैं।

इस क्रम मे जिलाधिकारी ने सचिव संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड शासन दीपक कुमार को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि श्री जागेश्वर जैसे प्रसिद्ध धाम के समीप ही एक संस्कृत विद्यालय खोला जाए। उन्होंने कहा कि यहां संस्कृत विद्यालय खोलने के लिए क्षेत्रीय जनता भी लंबे समय से मांग कर रही है।

संस्कृत विद्यालय खुलने से क्षेत्रीय जनता की मांग की पूर्ति के साथ साथ अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखने में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में कोई भी संस्कृत विद्यालय नहीं होने से यहाँ के बच्चों को अन्य स्थानों में संस्कृत की पढ़ाई हेतु जाना पड़ता है।उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि जनपद अल्मोड़ा अन्तर्गत स्थित श्री जागेश्वर धाम पौराणिक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ जहाँ एक ओर धार्मिक आस्था का केन्द्र है, वहीं अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण वर्तमान समय में देश-विदेश से सैलानियों के आकर्षण का भी मुख्य केन्द्र है। श्री जागेश्वर धाम में वर्ष भर श्रद्धालुओं एवं सैलानियों की आवाजाही रहती है।

इस धाम की नैसर्गिक सुंदरता अतुलनीय है। उन्होंने पत्र में कहा कि जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना का कार्य अधिकांश स्थानीय पुरोहितों द्वारा ही सम्पादित किया जाता है, जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है। यहाँ बाहर से पूजा-अर्चना हेतु आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना के साथ-साथ यहाँ के पौराणिक महत्व आदि के बारे में भी पुरोहितों द्वारा जानकारी प्रदान की जाती है।

श्री जागेश्वर धाम क्षेत्र में संस्कृत विद्यालय खुलने से यहाँ के बच्चों को संस्कृत की शिक्षा हेतु अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा व जो परिवार आर्थिक रूप से अक्षम होने या अन्य किन्हीं कारणों से अपने बच्चों को संस्कृत की शिक्षा हेतु बाहर नहीं भेज पाते हैं, उन्हें भी संस्कृत की उचित शिक्षा का अवसर प्रदान होगा।

इसके साथ ही इस क्षेत्र में संस्कृत विद्यालय खुलने से श्री जागेश्वर धाम के पौराणिक / धार्मिक महत्व के दृष्टिगत भविष्य में संस्कृत भाषा में शिक्षा प्राप्त करने के लिए यह स्थान एक महत्वपूर्ण केन्द्र बन सकता है।

उपरोक्त के दृष्टिगत ही जिलाधिकारी ने श्री जागेश्वर धाम क्षेत्र में एक संस्कृत विद्यालय खोले जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध सचिव संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड शासन दीपक कुमार से किया है।

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