( उत्तराखंड सेवा निधि अलमोडा़ द्वारा आयोजित गोष्ठी में नीलाक्षी ने अपने शोध प्रबंध में आये तथ्यों का किया खुलासा, नगर पालिका, जिला प्रशासन नियम कानून बनाने में असमर्थ, यदि बने भी तो पालन कराने में सफल नहीं, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तर्ज पर भवन निर्माण सेवा प्राधिकरण बनाने पर जोर दिया)
जानी-मानी आर्किटेक्ट नीलाक्षी जोशी ने आज उत्तराखंड सेवा निधि द्वारा आयोजित संगोष्ठी में चौंकाने वाले तथ्य पेश किये।उन्होंने अपने शोध प्रबंध “हिमालय क्षेत्र में तीव्र गति से हो रहे अनियोजित शहरीकरण, अलमोडा़ नगर के विशेष संदर्भ में” का हवाला देते हुए कहा कि उनको शोध दौरान बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आये , भवन निर्माण हेतु कोई ठोस नियमावली नगर पालिका, जिला प्रशासन, राज्य सरकार से नहीं आयी है, है भी एजेंसी इन्हें लागू नहीं कर पा रही है, जिस कारण अनियोजित व नियमों को धाक में रख निर्माण हो रहे हैं जो भविष्य के लिए चिंता का विषय है। नक्शे स्वीकृत होते हैं, लेकिन मकान कुछ बनते हैं।

उलंघन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नगरपालिका सिर्फ राजस्व वसूली तक सिमित रह गयी है, मास्टर प्लान, टाऊन प्लान , जिला विकास प्राधिकरण जेसी ऐजेन्सियों का भी कोई ठोस असर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कुशल इंजिनियर, आर्किटेक्ट की देख रेख में निर्माण होना आवश्यक है , लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही है, लोग लाखों रुपए मकान बनाने में लगा देते हैं कुशल लोगों की फीस महंगी लगती है , जो भविष्य के लिए खतरा है।

नीलाक्षी ने कहा उन्होंने शोध दौरान पाया लोगों में जानकारी का अभाव है ,जिस हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तर्ज पर जिला भवन निर्माण सेवा प्राधिकरण का गठन कर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है, इस मौके पर प्रोफेसर शेखर जोशी, डाक्टर जे सी दुर्गापाल, मनोहर वृजवाल, इंजिनियर हर्ष कक्कड़, एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।
संगोष्ठी आयोजक , पद्म श्री डाक्टर ललित पांडेय निदेशक उत्तराखंड सेवा निधि ने मुख्य वक्ता नीलाक्षी जोशी सहित उपस्थित गणमान्य नागरिक का साधुवाद अदा कर गोष्ठी के समापन की घोषणा की।
