सर्दियों की बरसात ने इस बार कई लोगो को निराश किया है। सर्दियों के मौसम में हुई नाम मात्र बारिश से किसान भी काफी परेशान नजर आए। ऐसे में मानसून को लेकर भी लोगों द्वारा कई अटकलें लगाई जा रही है।
मानसून में बारिश न होने के ख्याल से लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। परंतु लोगों के शंका को दूर करते हुए मौसम विभाग द्वारा एक पूर्वानुमान जारी किया गया है।
आपको बता दें कि मौसम विभाग द्वारा देश में इस बार मानसूनी बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने सोमवार को मानसून को लेकर दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी किया। विभाग अनुसार इस साल जून से सितंबर के चार महीनों में सामान्य से 106 फीसदी ज्यादा बारिश होगी।
मानसून के महीने में सामान्य बारिश यानी 87 सेंटीमीटर बारिश मानी जाती है। लेकिन इस बार के जारी पूर्वानुमान के अनुसार इस साल करीब 92 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। मानसून के दौरान सामान्य वर्षा का मतलब 87 सेंटीमीटर बारिश से होता है। यानी इस बार करीब 92 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने प्रेसवार्ता में ये पूर्वानुमान जारी किया। आईएमडी प्रमुख ने बताया कि यदि मानसूनी बारिश 96-104 फीसदी रहती है तो यह सामान्य मानी जाती है, लेकिन इस बार यह 106 फीसदी तक रहने की संभावना है, इसलिए यह सामान्य से अधिक रहेगी। इसमें पांच फीसदी की मांडलीय त्रुटि हो सकती है।बताते चलें कि साल 2023 में मानसूनी बारिश 94 फीसदी रही थी, जो सामान्य से थोड़ी कम थी। परंतु इस साल मौसम विभाग ने 61 फीसदी मानसून के सामान्य से अधिक रहने की संभावना जताई है, जबकि 29 फीसदी संभावना सामान्य बने रहने की है।
आईएमडी महानिदेशक, डॉ. महापात्र ने बताया कि अभी भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर में अलनीनो की मध्यम स्थितियां बनी हुई हैं। मगर अच्छी बात यह है कि यह लगातार कमजोर पड़ रहा है। यह अनुमान है कि मानसून के दूसरे चरण अगस्त- सितंबर में वहां ला नीना स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।