अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 एवं राष्ट्रीय पोषण माह सितम्बर 2023 के अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (गृहविज्ञान) के खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से “श्री अन्न की पोषण एवं स्वास्थ्य क्षमता, विविधता, प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन” विषय पर कार्यशाला का आयोजन दिनांक 8-10 सितम्बर, 2023 को किया जा रहा है। इस कार्यशाला में विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान, गैर सरकारी संगठन एवं स्वयं सहायता समूह मिलेट्स के पोषण एवं स्वास्थ लाभ की चर्चा करेंगे। साथ ही राज्य के 100 से अधिक किसान जो मिलेट उत्पादन, प्रसंस्करण और वाणिज्यिीकरण के क्षेत्र में कार्यरत हैं वे भी शामिल होंगे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मिलेट के पौष्टिक महत्व, फसल विविधता के बारे में वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करना और प्रतिभागियों को मिलेट के मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस कार्यशाला में मिलेट प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है ताकि प्रतिभागियों को मिलेट पर आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करने और विक्रय करने का मंच प्रदान किया जा सके।मिलेट्स जिन्हें श्री अन्न के नाम से भी जाना जाता है, एक बहुत ही महत्वपूर्ण एवं पारंपरिक पौष्टिक मोटा अनाज है। यह विभिन्न पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, लौह तत्व, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी-6, एंटीऑक्सीडेंट्स, आहार फाइबर एवं प्रोटीन का बेहतर स्त्रोत है। यह कुपोषण दूर करने एवं शरीर की पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके साथ-साथ यह विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए उपयुक्त है। इनका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ्य रखने एवं अनेक बीमारिओं को दूर करने के लिए उत्तम माना जाता है। मिलेट के प्रसंसकरण की विशाल विशेषताएँ उन्हें विभिन्न प्रकार के मूल्यवर्धित उत्पाद जैसे बेक्ड, खमीरीकृत अंकुरित एक्सटूडेड एवं तत्काल भोजन मिश्रण एवं अन्य मूल्य वर्धित खाद्य पदार्थ बनाने में उपयोगी है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला वैज्ञानिकों, किसानों और मोटा अनाज से सम्बंधित अन्य हित धारकों के लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी।

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