( पुलिस प्रशासन की सख्ती से परेशान पर्यटक, व्यापार पर पड़ी मार, व्यापारी परेशान, कोई सुध लेवा नहीं, प्रमोद अग्रवाल गोल्डी)

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उत्तराखंड की पहाड़ियों में यातायात नियंत्रण, पार्किंग आदि की समस्यायों से निजात पाना पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है।

प्रमोद अग्रवाल गोल्डी)

इस समस्या से निजात पाने के लिए आये दिन नये नियम बन रहे हैं, लेकिन इन व्यवस्थाओं को लेकर पर्यटन पर दोहरा असर देखने को मिला है एक तरफ तो पर्यटकों को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है, दूसरी तरफ व्यापार में भी मार पड़ी है, दुकानदार परेशान हैं।

उत्तराखंड व्यापार मंडल के प्रदेश प्रवक्ता, व्यापार मंडल हल्द्वानी के अनुभवी व्यापारी डाक्टर प्रमोद अग्रवाल गोल्डी का कहना है
पूरे देश में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है और मई,जून के महीने में पूरे देश के सैलानी पर्यटक पर्वती क्षेत्र में ठंड का आनंद लेने के लिए आते हैं, लेकिन इधर में हमने देखा अप्रैल माह में जिस प्रकार पर्यटकों की भीड़ नैनीताल ,भीमताल , भवाली, अल्मोड़ा जैसे ठंडे नगरों की ओर बढ़ रही थी ,जिला नैनीताल के प्रशासन ,पुलिस द्वारा जिस प्रकार पर्यटकों के प्रति सख्ती का व्यवहार किया गया ,उसका परिणाम यह हुआ कि नैनीताल में इस समय भारी मंदी है। जहां अप्रैल मई के महीने में सैलानियों की भारी भीड़ रहती है, पार्किंग फुल रहती है ,वहीं इस समय पुलिस प्रशासन की भारी रोक-टोक सख़्ती आदि के कारण व्यापारी निराश हैं ,होटल / रेस्टोरेंट या सामान्य गिफ्ट की दुकान है ,सभी लगभग सुनसान स्थिति में है, इसके लिए अनावश्यक रूप से प्रशासन का डंडा और प्रशासन की ज्यादा जोर जबरदस्ती उत्तरदाई है।

हमारा व्यापारी होने के नाते विनम्रता के साथ सरकार से ,प्रशासन से, पुलिस से अनुरोध है कि इतनी शक्ति ना दिखाएं कि पर्यटक नैनीताल आना ही भूल जाए ,थोड़ा बहुत अनुशासन जरूरी है, लेकिन पर्यटक यहां पर स्वस्थ मनोरंजन के लिए आते हैं, और कहीं पार्किंग के नाम पर ,कहीं चुंगी के नाम पर , भारी भरकम धनराशि वसूलना, जुर्माना लगाना, वसूलना और गाड़ियों में जैमर लगाना, हर रास्ते पर पुलिस के रोक-टोक पर्यटकों को नैनीताल से वापस होने के लिए मजबूर कर रही है।

हमारा विनम्रता के साथ सरकार और प्रशासन से आग्रह है कि क्योंकि पर्यटन सीजन साल में तीन या चार महीने का होता है ,बाकी 8 महीने व्यापारी खाली रहते हैं, ऐसे में सरकार को सीजन के दौरान व्यापारियों को सहयोग करना चाहिए, ताकि वे अपने 4 महीने में अपना कारोबार करके अपनी आजीविका और परिवार का पालन पोषण कर सके।

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