विश्वविद्यालय ने अपने अगले सत्र से प्रिंटेड पाठ्य सामग्री पर निर्भरता कम करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अंतर्गत सभी छात्रों को ऑनलाइन किताबें उपलब्ध कराने की बात भी सामने आ रही है। विश्वविद्यालय में दाखिला ले रहे छात्रों में से कोई अगर मुद्रित पुस्तकें लेना चाहता है तो वह अपना दाखिला कराते समय दूसरा विकल्प भी चुन सकता है। विश्वविद्यायल के इस नियम के बाद प्रवेश शुल्क में भी विद्यार्थियों को छूट मिल सकेगी।

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पिछले कुछ वर्षों में UOU में छात्रों की संख्या में काफी बढ़त आई है जिससे कई व्यवस्थाएं बदली हैं। विवि के अनुसार पिछले सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद पुस्तक वितरण में ख़ासा ज़ोर बढ़ रहा है। कई बार तो छात्रों को समय पर किताबें मिलने में बहुत मुश्किल झेलनी पड़ती है और कई बार बिना किताबों के ही लौटना पड़ता है। जिसका प्रभाव उनके पूरे सत्र के साथ-साथ उनके दिमाग पर भी पड़ता है।

इस समस्या पर विचार-विमर्श कर के विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन किताबों का प्रस्ताव सभी के समक्ष रखा है। इसपर फरवरी में ही प्रस्तावित विश्वविद्यालय की वित्त समिति की बैठक के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। UOU पहले भी किताबों का ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध कराता रहा है। लेकिन तब भी कई छात्र लाइब्रेरी की किताबों से पढ़ने को प्राथमिकता देते थे।

किताबों का शुल्क भरने के बाद भी किताबों की आपूर्ति ना होना सभी छात्रों के मन में विवि के प्रति निराशा को बढ़ावा देता था। अब बदलते समय में उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए विवि जिस उचित निर्णय पर पहुँचने वाला है उससे कई छात्रों को सुविधाजनक और संतोषजनक वातावरण मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।

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