मैदानी इलाकों में भी गर्जना और बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं। वहीं, 11 से 14 सितंबर तक तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

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उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में अगले चार दिन हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की पीओर से पर्वतीय जिलों के साथ ऊधमसिंह नगर के कुछ इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

जबकि, मैदानी इलाकों में भी गर्जना और बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं। मौसम केंद्र की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 11 से 14 सितंबर तक तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

आपदा प्रबन्धम अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया की जनपद नैनीताल में दिनांक 10 सितम्बर 2023 को गत 24 घण्टे की जनपद की औसत वर्षा 60.7 मिमी0 आंकलित की गई जिसमें हल्द्वानी (काठगोदाम ) में 82.00 मिमी, नैनीताल में 120 मिमी, कोश्याकुटोली में 54.2 मिमी, धारी में 90.0 मिमी, बेतालघाट में 30.0 मिमी, रामनगर में 13.6 मिमी तथा कालाढूंगी में 35.0 मिमी मापी गई तथा दिनांक 10 सितम्बर 2023 को जनपद के पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में प्रातः से ही लगातार वर्षा हो रही है। दिनांक 10 सितम्बर, 2023 की प्रातः वर्षा / अतिवृष्टि से जहाँ 1 राज्य मार्ग तथा 07 ग्रामीण मार्ग बाधित चल रहे थे वहीं सायं तक 1 राज्य मार्ग 1 प्रमुख जिला मार्ग तथा 13 ग्रामीण मार्ग मलबा आने / भू-स्खलन से बाधित हो गये हैं। इन मार्गों को जे.सी.बी. के माध्यम से सुचारू करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त काठगोदाम- नैनीताल राष्ट्रीय राज मार्ग, रूसी बाईपास मार्ग एवं काठगोदाम भीमताल मार्ग पर सलड़ी के निकट मार्ग पर पत्थर / बोल्डर आने से मार्ग बाधित हुए, जिसे तत्काल जे.सी.बी. के माध्यम से सुचारू कर दिया गया। अत्यधिक वर्षा होने के कारण चोरगलिया, हल्द्वानी स्थित शेरनाला एवं सूर्यानाला जान पर आ जाने से मार्ग को यातयायात हेतु प्रतिबंधित किया गया तथा घनगढ़ी एवं ढैला नाले को भी तेज बहाव के दृष्टिगत कुछ अवधि हेतु आवागमन हेतु प्रतिबंधित किया गया। गौला नदी के कैचमेंट में अत्यधिक वर्षा के फलस्वरूप गौला नदी के डाउनस्ट्रीम के क्षेत्रों में अवस्थित ग्रामों एवं आवासीय क्षेत्रों में एलर्ट प्रसारित करते हुए सायं 03 बजे लगभग गौला बैराज के समस्त गेट के माध्यम से डिस्चार्ज 14000 क्यूसेक छोड़ा गया।

माह अगस्त, 2023 में हुई अतिवृष्टि के दौरान विभिन्न नदियों / नालों में तेज जलप्रवाह के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी, विभागों द्वारा सुरक्षात्मक / न्यूनीकरण के दृष्टिगत नदियों के चैनेलाईजेशन का कार्य कराया गया था. परिणामस्वरूप सूखी नदी में तेज वर्षा होने के उपरान्त भी जलप्रवाह सुचारू बना रहा है।

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