(आज दो अभी दो , उत्तराखंड राज्य दो की जंग से राज्य तो दे दिया, पर पर्वतीय राज्य की अवधारणा पूरी नहीं हुई गैरसैंण मात्र भोगोलिक नाम नहीं उत्तराखंड की राजधानी आस्था है)
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी क्षेत्रीय व जन पक्षीय ताकतों को एक जुट करने काम कर रही है।यह बात उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष एडवोकेट पी सी तिवारी ने गैरसैंण में कहीं।आज दो अभी दो , उत्तराखंड राज्य दो की जंग से राज्य तो दे दिया, पर पर्वतीय राज्य की अवधारणा पूरी नहीं हुई गैरसैंण मात्र भोगोलिक नाम नहीं उत्तराखंड की राजधानी उत्तराखंड के सच्चे उत्तराखंडी की आस्था है।
पीसी तिवारी ने रामलीला मैदान में स्थापित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तराखंड बन जाने के पच्चीस साल बाद भी आज राज्य की हालत बद से बद्दतर हो गयी है। आज दो अभी दो से राज्य तो बन गया है लेकिन जिस मकशद से उत्तराखंड की आम जनता ने बलिदान देकर राज्य निर्माण किया वह अवधारणा कही भी पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
कहा वह उत्तराखंड में व्यवस्था परिवर्तन चाहते जिसमें ग्राम ,क्षेत्र व जिला तीनों स्तरों पर स्वायत्तशासी सरकारें हों। निर्णय लेने, लागूकरने और श्रेय पाने में भागीदारी होगी। कहा दिल्ली और विदेशों में बैठे कोरपरेट घरानों के भरोसे उत्तराखंड का भला होने वाला नहीं है इसलिए वह क्षेत्रीय व जनपक्षीय ताकतों को एक करने में जुट गये हैं।
पंचायतों और स्थानीय निकायों को कोरपरेट जगत के हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है। बिजली के स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड मीटर में बदल कर उपभोक्ताओं के साथ क्या कुछ होगा यह भी विचारणीय विषय है। जल जंगल जमीन पर स्थानीय लोगों का अधिकार हो, नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन के तहत संघर्ष जारी रखे हुए हैं।
उन्हें खुसी है कि 42 साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी नशा नहीं रोजगार दो की बात करने लगे हैं। तंज मे उन्होंने कहा अब केवल गहथ भट्ट खाने से काम चलने वाला नहीं है गैरसैंण मात्र एक भौगोलिक स्थल का नाम ही नहीं है अपितु यह उत्तराखंड की राजधानी से जुड़ी अवधारणा है।
उत्तराखंड में कृषि पशुपालन,रोजगार,सड़क ,बिजली, पानी, स्वास्थ्य ,शिक्षा की उत्तम व्यवस्था के लिए उनक पास स्पष्ट रोड मैप तैयार है। इस दौरान महेश फुलारा, लीला धर, चंद्रशेखर, भुवनचंद्र व भैरव असनौड़ा मौजूद रहे।



















