धामी सरकार के कई मंत्रियों का मानना है कि सभी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में उन कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए जिन्होंने अब तक 10 वर्ष सेवा पूरी की है, 2013 की नियमीकरण नीति के तहत। इस मुद्दे पर गुरुवार को एक गहन चर्चा हुई।
एक याचिका पर, उच्च न्यायालय ने 2013 की नीति पर प्रतिबंध हटाया और 2018 से पहले 10 वर्ष सेवा पूरी कर चुके डेली वेज कर्मचारियों, अधोग और संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने का आदेश दिया था। कार्मिक विभाग ने उच्च न्यायालय के आदेश के प्रकाश में मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्ताव रखा।
इस प्रस्ताव पर मीटिंग में गहन चर्चा हुई। अधिकांश मंत्रियों का मानना था कि सरकार को सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करना चाहिए (जो नीति के अनुसार 10 वर्ष सेवा पूरी कर चुके हैं)। सूत्रों के अनुसार, इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कार्मिक और न्याय विभाग को इस प्रस्ताव पर न्यायिक और कानूनी सलाह लेने के निर्देश दिए। सरकार का कर्मचारियों के प्रति दृष्टिकोण काफी नरम माना जाता है।
इस प्रस्ताव पर मीटिंग में गहन चर्चा हुई। अधिकांश मंत्रियों का मानना था कि सरकार को सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करना चाहिए (जो नीति के अनुसार 10 वर्ष सेवा पूरी कर चुके हैं)। सूत्रों के अनुसार, इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कार्मिक और न्याय विभाग को इस प्रस्ताव पर न्यायिक और कानूनी सलाह लेने के निर्देश दिए। सरकार का कर्मचारियों के प्रति दृष्टिकोण काफी नरम माना जाता है।