उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के नतीजे जारी होने के बाद जहां कई छात्र-छात्राएं अपनी सफलता पर खुशी मना रहे हैं, वहीं कुछ विद्यार्थी असफल भी हुए।इस बीच बेहद दुःखद खबर सामने आ रही है। देहरादून के डोईवाला इलाके में एक 12वीं की छात्रा ने बोर्ड परीक्षा में फेल होने के कारण जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मेडिकल टीम की कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

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कुड़कावाला, डोईवाला निवासी छात्रा के परिजनों ने बताया कि आज उत्तराखंड बोर्ड का 12वीं का रिजल्ट घोषित हुआ, जिसमें वह पास नहीं हो पाई। इस असफलता से निराश होकर उसने अज्ञात जहरीला पदार्थ खा लिया। जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने छात्रा के परिजनों से पूछताछ की और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, छात्रा ने परीक्षा में फेल होने के कारण यह कदम उठाया।

छात्रा की मौत से उसके परिवार और आसपास के लोगों में ग़म का माहौल है। परिजनों का कहना है कि वह पढ़ाई में काफी मेहनत करती थी, लेकिन रिजल्ट के बाद वह बहुत निराश हो गई थी।असफलता जीवन का हिस्सापरीक्षा परिणाम जिंदगी से बड़ा नहीं होता। असफलता जीवन का एक हिस्सा है, लेकिन इससे निपटने के लिए धैर्य और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर अत्यधिक दबाव न डालें और उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहें।

परीक्षा में फेल होने पर निराश या घबराए नहीं, बल्कि दोबारा प्रयास करने और सुधार करने का मौका खोजें। बोर्ड परीक्षा में फेल होने के बाद भी छात्रों के पास दोबारा परीक्षा देने या अलग कक्षाओं में प्रवेश लेने के अवसर होते हैं।पुनर्परीक्षा या पूरक परीक्षा:कई बोर्ड या शिक्षा संस्थान फेल हुए छात्रों के लिए पुनर्परीक्षा या पूरक परीक्षा का आयोजन करते हैं, जिससे वे दोबारा प्रयास कर सकें।

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