(राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)

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द्वारा संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी पर्व के अवसर पर एक भव्य एवं अनुशासित पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।यह आयोजन संघ की परंपरा, अनुशासन और संगठन भावना का सजीव प्रतीक रहा।कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में पवित्र भगवा ध्वज के ध्वजारोहण से हुआ। तत्पश्चात स्वयंसेवकों ने श्रद्धा एवं परंपरा के अनुसार शस्त्र पूजन किया — जिसमें फूलमाला, रोली एवं चंदन से अपने-अपने शस्त्रों का पूजन कर आत्मरक्षा, सेवा और राष्ट्र समर्पण का संकल्प लिया।कार्यक्रम में मनोज जोशी ने भावपूर्ण एकल गीत प्रस्तुत किया, जबकि शुभम रौतेला ने प्रेरणादायक सुभाषित सुनाकर वातावरण को ओजस्वी बना दिया।प्रार्थना प्रमुख कैलाश गुरुरानी द्वारा सामूहिक प्रार्थना कराई गई, जिसे सभी स्वयंसेवकों ने एक स्वर में दोहराया।मुख्य शिक्षक आशीष गुरुरानी द्वारा शाखा संचालन किया गया तथा शाखा कार्यवाहक विनय वर्मा ने सभी स्वयंसेवकों की अनुशासित उपस्थिति और सक्रिय सहभागिता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी।इस अवसर पर जिला प्रचार प्रमुख डॉ. राजेंद्र जोशी ने “संघ के शताब्दी वर्ष एवं पंच परिवर्तन योजना” पर विस्तृत बौद्धिक प्रवचन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा —> “संघ की यह सौ वर्ष की यात्रा केवल संगठन की नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन की यात्रा है। हमारे पूर्वजों द्वारा रोपा गया संस्कार का यह बीज आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है।

‘पंच परिवर्तन योजना’ के माध्यम से संघ समाज को पाँच महत्वपूर्ण दिशाओं — सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वाधारित जीवनशैली एवं नागरिक कर्तव्य जागरूकता — में आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर चला है।”उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है, जहां जाति, धर्म, वर्ग या लिंग के भेद से परे एकता और बंधुत्व की भावना से समाज सशक्त होता है।कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से परिवारों को भारतीय मूल्यों से पुनः जोड़ा जाएगा।पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता पर बल दिया जाएगा।

स्वाधारित जीवनशैली अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कार्य किया जाएगा, और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता से राष्ट्र निर्माण को नई ऊर्जा मिलेगी।“संघ का उद्देश्य केवल स्वयंसेवक निर्माण नहीं, बल्कि संस्कारवान समाज और सशक्त राष्ट्र निर्माण है। जब हर स्वयंसेवक समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को समझेगा, तभी भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होगा।कार्यक्रम के समापन पर शाखा कार्यवाहक विनय वर्मा, मुख्य शिक्षक आशीष गुरुरानी, प्रार्थना प्रमुख कैलाश गुरुरानी एवं अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने सभी स्वयंसेवकों को विजयादशमी पर्व एवं पथ संचलन की सफलता पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।कार्यक्रम का समापन संघ प्रार्थना और “भारत माता की जय” के गगनभेदी नारों के साथ हुआ।स्वयंसेवकों ने इस अवसर पर आगामी गृह संपर्क अभियान एवं सामाजिक सद्भाव बैठकों में सक्रिय भागीदारी का संकल्प भी लिया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे —डॉ. राजेंद्र जोशी (जिला प्रचार प्रमुख), मेयर अजय वर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष रवि रौतेला, अजय वर्मा, मनीष जोशी (मंटू), मनोज जोशी, राजीव राज गुरुरानी, भुवन चंद्र जोशी, पंकज लटवाल, मयंक सिंह, सागर वर्मा, चंदन बगड़वाल, प्रदीप सिंह नेगी, शुभम रौतेला, मयंक रौतेला, कृष्ण बहादुर सहित अनेक स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।हवालबाग बाग खंड के 4 मंडलों का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष पथ संचलन सम्पन्न — पंच परिवर्तन पर हुआ बौद्धिक चार मंडलों — हवालबाग, धामस, सल्ला रौतेला एवं पातली बगड़ — के स्वयंसेवकों द्वारा भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। कुल 52 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहेयह पथ संचलन भड़केश्वर महादेव कोशी मंदिर से प्रारंभ होकर कोशी बाजार होते हुए पुनः भड़केश्वर महादेव मंदिर में आकर संपन्न हुआ।

स्वयंसेवकों ने अनुशासन, संगठन भावना और एकता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजेंद्र जोशी, जिला प्रचार प्रमुख, अल्मोड़ा उपस्थित रहे। उन्होंने अपने बौद्धिक में संघ के शताब्दी वर्ष में चल रहे “पंच परिवर्तन” विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समय आत्मावलोकन और समाज निर्माण के नए संकल्पों का है।उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन के माध्यम से स्वयंसेवक समाज के प्रत्येक क्षेत्र — कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण— में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करेंगे।कार्यक्रम में मुख्य शिक्षक पवन, सुनील, देवेंद्र, ललित, प्रकाश, संजय, अमित, विनोद, किशन, राहुल, सुरेश सहित अनेक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।

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