मनाया विगत दिवस भाकृ अनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 100वाँ स्थापना दिवस संस्थान के अल्मोड़ा स्थित सभागार में धूम-धाम से मनाया गया। सर्वप्रथम 100वें शताब्दी समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. हिमांषु पाठक, माननीय सचिव (डेयर) भारत सरकार एवं महानिदेषक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा अति विषिष्ट अतिथि डॉ. टी आर शर्मा, उपमहानिदेषक (फसल विज्ञान) एवं विषिष्ट अतिथि डॉ. डी के यादव, सहायक महानिदेषक (बीज) भाकृअनुप एवं अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ कुंदन हाउस स्थित पूजागृह में पूजा अर्चना की गयी। तत्पष्चात् स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा संस्थान में लगे स्टालों का भ्रमण किया गया।

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इसके पश्चात् मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. हिमांषु पाठक, माननीय सचिव (डेयर) भारत सरकार एवं महानिदेषक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा इस अवसर पर तृतीय पदम भूषण प्रो0 बोषी सेन स्मारक व्याख्यान दिया गया। उन्होंने प्रो0 बोषी सेन के योगदान पर बल देते हुये संस्थान की स्थापना हेतु उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं दर्षन का गहरा नाता है जिसका विवेकान्नद संस्थान जीता-जागता उदाहरण है। प्रो0 बोषी सेन का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि वे एक ऐसे महापुरूष हैं जिन्होंने किचन से शोध की शुरूआत की और आज यह संस्थान पूर्ण रूप में स्थापित हो, पर्वतीय कृषि की विभिन्न विधाओं पर कार्य कर जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पा रहा है वहीं दूसरी ओर अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जा रहा है। उन्होंने कहा जब तक वैज्ञानिक विचार लोगों तक नहीं पहुंचेंगे तब तक वैज्ञानिक शोध का कोई लाभ नहीं। साथ ही उन्होंने इस संस्थान को मिनी आईएआरआई का रूप बताया।इस अवसर पर कार्यक्रम के अति विषिष्ट अतिथि डॉ. टी आर शर्मा, उपमहानिदेषक (फसल विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संस्थान के 100वें स्थापना दिवस पर बधाइयां देते हुए कहा कि दस दषकों से कार्य कर रहे इस इस संस्थान द्वारा विभिन्न पर्वतीय फसलों की 188 उन्नत प्रजतियां विकसित की गयी हैं, जो कि इस संस्थान की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि डॉ. डी के यादव, सहायक महानिदेषक (बीज) भाकृअनुप ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा विकसित सभी तकनीकियां लोकप्रिय हैं।

नयी तकनीकियों पर कार्य करने हेतु उन्होंने इस संस्थान के सभी वैज्ञानिकों को प्रेरित किया और कहा कि परिषद इस कार्य हेतु अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम तथा रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेषानन्द जी ने प्रो. बोषी सेन का स्मरण करते हुए संस्थान के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को बधाई दी एवं अपने आर्षीवचनों से सभी का मार्गदर्षन किया। संस्थान के निदेषक डा0 लक्ष्मी कान्त ने संस्थान के संस्थापक प्रो0 बोसी सेन को नमन करते हुए मुख्य अतिथि सहित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया तथा सभी को संस्थान की स्थापना से लेकर वर्तमान तक के सभी चरणों से अवगत कराया। उन्होंने विगत वर्ष की संस्थान की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि विगत वर्ष विभिन्न पर्वतीय फसलों की जहां एक ओर 13 किस्में विमोचित एवं अधिसूचित की गयीं हैं वही दूसरी ओर कृषकों हेतु विभिन्न उत्पादन, सुरक्षा तकनीकियों का विकास किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान संस्थान के पूर्व निदेषकों नामतः डॉ जे0 पी0 टण्डन, डॉ0 जे0 सी0 भट्ट, डॉ पट्टनायक, डॉ. ए.के. श्रीवास्तव एवं डॉ. जे. के. बिष्ट एवं पूर्व वैज्ञानिकों को माननीय महानिदेषक महोदय द्वारा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान के विभिन्न प्रकाषनों नामतः ज्वच छ।।ैै

त्ंजमक 100 त्मेमंतबी च्ंचमतए डमउवपतए ब्वउउमतबपंसप्रंजपवद व िप्देजपजनजमष्े ज्मबीदवसवहपमेए स्ंनहींइसम डमउवतपमेए ब्वििमम ज्ंइसम ठववा ंदक एवं कृषक दिग्दर्षिका का विमोचन किया गया। संस्थान में जुलाई 2023 से जून 2024 के मध्य सेवानिवृत्त हो रहे कामिकों नामतः डॉ. जे. के. बिष्ट, श्री विजय पाल सिंह. श्री विष्णु दत्त पाण्डे, श्री हर सिंह एवं रमेष चन्द्र को भी इस अवसर पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

साथ ही डॉ देवेन्द्र शर्मा, वैज्ञानिक, डॉ. जी. एस. बिष्ट, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी, श्री देवेन्द्र सिंह कार्की, तकनीषियन, श्री राजेन्द्र प्रसाद, टी-2, श्री वीरेन्द्र पुरी गोस्वामी, तकनीषियन, श्री नन्दन सिंह रजवार, सहायक, श्री सुन्दर राम, सहायक एवं कुमारी काजोल बिष्ट, यंग प्रोफैषनल को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान प्रगतिषील कृषकों श्री दिनेष चन्द्र पाण्डे, श्री केदार सिंह राणा, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री पूर्ण सिंह एवं श्री नारायण सिंह तोमर को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर संस्थान के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा0 कुषाग्रा जोषी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग डॉ0 जे0 के0 बिष्ट द्वारा ज्ञापित किया गया।

समारोह का समापन आम की दावत के साथ सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात संस्थान के प्रक्षेत्र हवालबाग में नवनिर्मित प्रषासनिक एवं प्रयोगषाला भवन का उद्घाटन तथा स्वामी विवेकानन्द, प्रो. बोषी सेन एवं श्रीमती गर्ट्रूड एमर्सन सेन की मूर्तियों का अनावरण मुख्य अतिथि डॉ. हिमांषु पाठक, माननीय सचिव (डेयर) भारत सरकार एवं महानिदेषक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा अति विषिष्ट अतिथि डॉ. टी आर शर्मा, उपमहानिदेषक (फसल विज्ञान), विषिष्ट अतिथि डॉ. डी के यादव, सहायक महानिदेषक (बीज) भाकृअनुप, संस्थान के निदेषक डॉ लक्ष्मी कान्त, पूर्व निदेषकों, वैज्ञानिकों एवं स्थान के समस्त कार्मिकों की उपस्थिति में किया गया।

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