(खुली लूट व भ्रष्टाचार पर केन्द्र शासित प्रदेश से ही लगाम लगेगी नेगी)।

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आज उत्तराखंड राज्य के गठन को पच्चीस साल होने जा रहे हैं। लेकिन हालात राज्य गठन से पहले से भी बत्तर होते जा रहे हैं। मूल निवास, भू कानून को लेकर तो जंग चल ही रही थी, अब प्रथक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने की आवाज भी मुखर हो रही है।

मूल निवास भू कानून आंदोलन की चिंगारी अब दिल्ली तक पहुंच गयी है। प्रवासी उत्तराखंडी भी आंदोलन की मनसा बना रहे हैं। इतना ही नहीं विगत दिवस विकास नगर देहरादून में जन संघर्ष मोर्चा की बैठक आहूत की गयी वहां अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जिन सपनों को ले राज्य आंदोलन किया था, वे सपने साकार नहीं हुये।

पच्चीस साल के समय‌ पर उत्तराखंड की जनता के साथ विकास के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है। जमीनों पर कोई नियंत्रण न होने से ठोस भू कानून न‌ होने से जमीन की खरीद फरोख्त पर लूट हो रही है।

स्थायी निवास की ढील से बाहरी लोग जमीनों की खरीद से भ्रष्टाचार बढ़ा है, विकास के नाम पर जनता का शोषण व उत्पीड़न सरकार करती है, इन सभी से निजात पाने के लिए एक ही जरिया है कि उत्तराखंड को कम से कम दस साल तक केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किया जाय।

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