गो. ब. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी− कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा वर्ष 2024-25 की तिमाही हिन्दी कार्यशाला का आयोजन महेश चन्द्र सती, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी तथा सदस्य, राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा किया गया। कार्यशाला का विषय ˮआधुनिक कार्यालयी प्रणाली तथा राजभाषा हिन्दी: ई-ऑफिस तथा जैम के परिप्रेक्ष्य मेंˮ था।
कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ई. एम.एस. लोधी ने अपने स्वागत उदबोधन में संस्थान द्वारा राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में किया जा रहे विभिन्न कार्यकलापों से अवगत कराया। ई. लोधी ने कहा कि संस्थान प्रत्येक तिमाही में राजभाषा हिन्दी के अधिकतम प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयो में इस तरह की नियमित कार्यशालाओं का आयोजन करता आ रहा है।
उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस तरह के कार्यक्रमों का लाभ लेने और राजभाषा हिंदी का अपने दैनिक कार्यो में अधिकाधिक प्रयोग करने की अपील की। कार्यशाला के आयोजक और राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य श्री महेश चन्द्र सती ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के विषय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कलैंडर और इसके लक्ष्यों से सबको अवगत कराया।
श्री सती ने संस्थान के हिन्दी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की अपील की जिससे राजभाषायी निरीक्षणों और समय समय पर विभाग को भेजी जाने वाली रिपोर्टों को बल मिल सके। उन्होंने राजभाषा अधिनियम 1963 (यथा संशोधित 1967) की धारा 3(3) के अन्तर्गत आने वाले दस्तावेजों, राजभाषा हिन्दी की उत्पत्ति और स्थान, हिन्दी दिवस तथा विश्व हिन्दी दिवस को मनाए जाने का कारण, राजभाषा नियम, राजभाषा आयोग और पुरस्कार योजनाएं, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, विभिन्न क्षेत्रों के बीच पत्राचार, कार्यालयों में उपयोग होने वाले विभिन्न पत्रों, कार्यालय आदेश, परिपत्र, टिप्पणी और कम्प्यूटर पर यूनिकोड का प्रयोग आदि की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि भारतीय संविधान के अनुसार हिंदी को जो स्थान प्राप्त है उसको ध्यान में रखकर सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता है।श्री विपिन शर्मा ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के अभिन्न अंग ई-ऑफिस और इसमें राजभाषा हिन्दी के प्रयोग के बारे में बताया। श्री शर्मा ने बताया कि ई-ऑफिस सरकारी विभागों में निष्पक्ष, पारदर्शी और पेपरलेस कार्यप्रणाली बनाने में अहम् भूमिका निभाता है, इसके माध्यम से हम अपनी फाइल की वर्तमान स्टेटस तथा लोकेशन जान सकते हैं। उन्होंने ई-ऑफिस में फाइल निर्माण, नोटिंग ड्राफ्टिंग करने और इस हेतु डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग, पत्रों और फाइलों की आवाजाही प्रक्रिया इत्यादि पर अपना ज्ञान साझा किया। श्री शर्मा ने सरकारी ई मार्केट प्लेस जैम पोर्टल और इसकी बारीकियों से सबको अवगत कराया उन्होंने बताया कि जैम पोर्टल सभी केंद्रीय तथा राज्य सरकारों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए सार्वजानिक खरीद पोर्टल है, जो सार्वजनिक खरीद प्रकिया को पारदर्शी और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि कोई भी पात्र और इच्छुक व्यक्ति इस पोर्टल में निशुल्क रजिस्ट्रेशन के पश्चात अपने उत्पादों का व्यापार कर सकता है तथा इस पोर्टल पर सरकार द्वारा तय की गयी विभिन्न गाइडलाइनो इत्यादि से भी रूबरू कराया। अंत में इस कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के मध्य खुली परिचर्चा की गयी जिसमे प्रतिभागियों की विभिन्न शंकाओ का समाधान किया गया। इस कार्यशाला में संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य डा. सुबोध ऐरी एवं श्री सूर्यकान्त सहित लगभग 40 अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।पर्यावरण संस्थान में आधुनिक कार्यालयी प्रणाली तथा राजभाषा हिन्दी विषय पर कार्यशालागो. ब. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी− कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा वर्ष 2024-25 की तिमाही हिन्दी कार्यशाला का आयोजन महेश चन्द्र सती, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी तथा सदस्य, राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा किया गया। कार्यशाला का विषय ˮआधुनिक कार्यालयी प्रणाली तथा राजभाषा हिन्दी: ई-ऑफिस तथा जैम के परिप्रेक्ष्य मेंˮ था। कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ई. एम.एस. लोधी ने अपने स्वागत उदबोधन में संस्थान द्वारा राजभाषा हिन्दी के क्षेत्र में किया जा रहे विभिन्न कार्यकलापों से अवगत कराया। ई. लोधी ने कहा कि संस्थान प्रत्येक तिमाही में राजभाषा हिन्दी के अधिकतम प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयो में इस तरह की नियमित कार्यशालाओं का आयोजन करता आ रहा है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस तरह के कार्यक्रमों का लाभ लेने और राजभाषा हिंदी का अपने दैनिक कार्यो में अधिकाधिक प्रयोग करने की अपील की। कार्यशाला के आयोजक और राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य श्री महेश चन्द्र सती ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के विषय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कलैंडर और इसके लक्ष्यों से सबको अवगत कराया। श्री सती ने संस्थान के हिन्दी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की अपील की जिससे राजभाषायी निरीक्षणों और समय समय पर विभाग को भेजी जाने वाली रिपोर्टों को बल मिल सके। उन्होंने राजभाषा अधिनियम 1963 (यथा संशोधित 1967) की धारा 3(3) के अन्तर्गत आने वाले दस्तावेजों, राजभाषा हिन्दी की उत्पत्ति और स्थान, हिन्दी दिवस तथा विश्व हिन्दी दिवस को मनाए जाने का कारण, राजभाषा नियम, राजभाषा आयोग और पुरस्कार योजनाएं, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, विभिन्न क्षेत्रों के बीच पत्राचार, कार्यालयों में उपयोग होने वाले विभिन्न पत्रों, कार्यालय आदेश, परिपत्र, टिप्पणी और कम्प्यूटर पर यूनिकोड का प्रयोग आदि की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि भारतीय संविधान के अनुसार हिंदी को जो स्थान प्राप्त है उसको ध्यान में रखकर सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता है।श्री विपिन शर्मा ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के अभिन्न अंग ई-ऑफिस और इसमें राजभाषा हिन्दी के प्रयोग के बारे में बताया। श्री शर्मा ने बताया कि ई-ऑफिस सरकारी विभागों में निष्पक्ष, पारदर्शी और पेपरलेस कार्यप्रणाली बनाने में अहम् भूमिका निभाता है, इसके माध्यम से हम अपनी फाइल की वर्तमान स्टेटस तथा लोकेशन जान सकते हैं। उन्होंने ई-ऑफिस में फाइल निर्माण, नोटिंग ड्राफ्टिंग करने और इस हेतु डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग, पत्रों और फाइलों की आवाजाही प्रक्रिया इत्यादि पर अपना ज्ञान साझा किया। श्री शर्मा ने सरकारी ई मार्केट प्लेस जैम पोर्टल और इसकी बारीकियों से सबको अवगत कराया उन्होंने बताया कि जैम पोर्टल सभी केंद्रीय तथा राज्य सरकारों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए सार्वजानिक खरीद पोर्टल है, जो सार्वजनिक खरीद प्रकिया को पारदर्शी और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि कोई भी पात्र और इच्छुक व्यक्ति इस पोर्टल में निशुल्क रजिस्ट्रेशन के पश्चात अपने उत्पादों का व्यापार कर सकता है तथा इस पोर्टल पर सरकार द्वारा तय की गयी विभिन्न गाइडलाइनो इत्यादि से भी रूबरू कराया। अंत में इस कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों के मध्य खुली परिचर्चा की गयी जिसमे प्रतिभागियों की विभिन्न शंकाओ का समाधान किया गया। इस कार्यशाला में संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य डा. सुबोध ऐरी एवं श्री सूर्यकान्त सहित लगभग 40 अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
