( युवा नौकरी नहीं करेगें भागीदारी कर मालिक बनेंगे)

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श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के देवभूमि उद्यमिता केंद्र द्वारा देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत छात्रों के उद्यमी विकास के लिए 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के शुभारंभ किया गया । इस अवसर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पर कैम्पस निदेशक प्रोफ़ेसर एम.एस. रावत ने बताया कि यह केंद्र नए रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक होगा और राज्य के युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम नवाचार को बढ़ावा देने, छात्रों को को सशक्त बनाने और उत्तराखंड राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति देवभूमि उद्यमिता केंद्र और उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद की सामूहिक प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

इस योजना से उम्मीद है कि यह उत्तराखंड के उद्यमिता क्षेत्र में छात्रों को पोषित करेगी जो अपने लिए और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर बना सकते हैं।देवभूमि उद्यमिता योजना, की नोडल अधिकारी, प्रोफेसर अनिता तोमर ने योजना के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की और छात्रों को उद्यमिता के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा इस उद्यमी विकास कार्यक्रम में छात्रों को उनके प्रशिक्षण के दौरान पिचिंग इवेंट्स और सीड फंडिंग के बारे में जानकारी मिलेगी। उत्तराखंड सरकार ने राज्य के छात्रों के लिए “देवभूमि उद्यमिता योजना” को लागू किया है, जिसे “उत्तराखंड मुख्यमंत्री उद्यमिता योजना” भी कहा जाता है।

इस योजना का उद्देश्य छात्रों को विभिन्न लाभ प्रदान करना है। इस योजना का प्रमुख लाभ उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को है। यह प्रशिक्षण छात्रों को उनके अध्ययन पूरा करने के बाद स्वरोजगार के अवसरों की ओर मुख करता है, जिससे उत्तराखंड में बेरोजगारी को कम किया जा सके और राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल का उद्देश्य युवा को उसके व्यापार स्थापित करने या स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए मजबूत बनाना है।

प्रोफेसर तोमर ने कहा कि यदि आप उत्तराखंड के युवा हैं और रोजगार की खोज में हैं, तो यह योजना आपके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आने वाले समय में उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर को कम करने का कारण बन सकता है। इसके माध्यम से राज्य की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक विकास होगा।

प्रोफेसर तोमर ने कहा कि कार्यक्रम उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद के साथ मिलकर उत्तराखंड के युवा मानसिकता को प्रेरित करने और उन्हें सशक्त करने का कार्य किया है।विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के कला संकाय के डीन प्रोफ़ेसर डी. सी. गोस्वामी कहा कि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य विश्वविद्यालय छात्रों को मुफ्त व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके उनके कौशलों को बढ़ावा देना है। इस योजना के परिणामस्वरूप, युवा आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकेंगे, उत्तराखंड के युवाओं में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, और सरकारी नौकरियों या अन्य राज्यों में प्रवास करने पर उनकी निर्भरता कम होगी।विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के वाणिज्य संकाय के डीन प्रोफ़ेसर कंचन लता सिन्हा ने व्यापार में प्रवेश करने के तरीकों को समझाने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम विश्वविद्यालय छात्रों के बीच एक गुणवत्ता से भरा उद्यमी समृद्धि का संचार करेगा।देवभूमि उद्यमिता केंद्र के मेंटर प्रोफेसर धर्मेन्द्र तिवारी, बताया कि देवभूमि उद्यमिता केंद्र राज्य के युवा उद्यमियों के लिए एक नई ऊर्जा स्रोत है। यह केंद्र उन्हें उद्यमिता क्षमता को बढ़ाने और उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने का मंच प्रदान करेगा।भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) के डॉ. सिद्धार्थ रावत ने बताया कि, देवभूमि उद्यमिता केंद्र में विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शिक्षा, प्रशिक्षण, और आर्थिक समर्थन की सुविधाएं शामिल हैं। यह केंद्र छात्रों को विभिन्न व्यापारिक क्षेत्रों के लिए आवश्यक ज्ञान, सीख, और समर्थन प्रदान करेगा।

देवभूमि उद्यमिता केंद्र, श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी में नए उद्यमियों को समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करने का एक और कदम है।श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर, प्रोफेसर एन.के. जोशी ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि देव भूमि उद्यमिता विकास योजना क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा तथा इस योजना से यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्रायें एवं स्थानीय नागरिक लाभान्वित होंगे। उन्होंने ने बताया कि ‘देवभूमि उद्यमिता योजना’ का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के युवा मनोबल को उद्यमिता की दिशा में बढ़ावा देना और युवा उद्यमियों को उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, और आवश्यक संसाधनों के साथ समर्थन प्रदान करके उन्हें विभिन्न उद्यमिता क्षेत्रों के लिए प्रेरित करना है।

यह कार्यक्रम स्थानीय समुदायों में विकास को बढ़ावा देगा और युवा पीढ़ी को उद्यमिता के नवीन अवसर प्रदान करेगा। इस पहल के तहत, उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे अपनी क्षमताओं को सुधारकर और नए आईडिया और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके नए क्षेत्रों में कार्य कर सकें, जिससे उन्हें वित्तीय स्थिरता हासिल होगी। कार्यक्रम की सफलता हेतु माननीय कुलपति ने अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की।प्रोफेसर वी. डी. पाडेय ,प्रोफेसर दीपा शर्मा, डॉ. शिवांगी उपाध्याय, डॉ. उर्वशी, डॉ. लता, डॉ. गौरव रावत, और डॉ. रीता भी इस महत्वपूर्ण सत्र में उपस्थित रहे और छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर प्रदान किया।

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