( सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अलमोडा़ के कुलपति प्रोफेसर एस पी एस बिष्ट ने बधाई देते हुये कहा, विश्व विद्यालय के लिये गर्व की बात)
नेपाल के पोखरा शहर में स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय के पृथ्वीनारायण कैम्पस में भारतीय राजदूतावास काठमांडू, गण्डकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान , पोखरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान तथा क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 से 24 फरवरी 2024 तक आयोजित नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के पांचवें संस्करण में उत्तराखण्ड के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, परिसर अल्मोड़ा के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग में कार्यरत डॉ. ममता पंत को व्याख्यान हेतु मुख्य वक्ता के रूप में आमन्त्रित किया गया, जिसमें डॉ. ममता पंत ने कुमाउनी लोक साहित्य में नारी विषय पर अपना वृहद वक्तव्य प्रस्तुत किया तथा नेपाली तथा भारतीय साहित्य में नारी हस्ताक्षर विषय पर आयोजित परिचर्चा सत्र में प्रतिभाग किया। उनके द्वारा लोक साहित्य के नारी विषयक विभिन्न आयामों पर किये गये उत्कृष्ट शोध तथा रचना कर्म हेतु “अंतर्राष्ट्रीय भारत नेपाल साहित्य रत्न अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में लघुकथा सत्र, कविता/ग़ज़ल सत्र, शोध पत्र प्रस्तुतिकरण, चर्चा-परिचर्चा सत्र एवम प्रतिलिप्याधिकार सत्र आयोजित किये गये, जिसमें दोनों देशों के विभिन्न प्रांतों से आये प्रतिनिधियों ने भारत-नेपाल के साहित्यिक एक्य पर व्यापक मंथन किया और दोनों देशों के साहित्यिक एवम सांस्कृतिक ऐक्य को अक्षुण्ण रखने तथा वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दिलाने हेतु संकल्प लिया।
विभिन्न सत्रों में भारत तथा नेपाल के रचनाकारों की विभिन्न विधाओं पर लिखित 50 से अधिक पुस्तकों का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर भारतीय दूतावास काठमांडू के अधिकारी, गण्डकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति डॉ. सूर्य खड्का बिखर्ची, पोखरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति डॉ. पद्मराज ढकाल, बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति व नेपाली ग़ज़ल विधा के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. घनश्याम न्यौपाने परिश्रमी, नेपाल -भारत साहित्य महोत्सव के नेपाल संयोजक व अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष अनुसंधान प्रशिक्षण एवं भविष्यवाणी केंद्र के संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष शिरोमणि अधिवक्ता डॉ. बलराम उपाध्याय रेग्मी, क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. विजय पंडित , अंतर्राष्ट्रीय नेपाली साहित्यिक समाज के अध्यक्ष राजेंद्र के सी , प्रसिद्ध साहित्यकार एवं छंदोबद्ध कविता के सशक्त हस्ताक्षर ऋषभदेव घिमिरे, अनुवादक राजेन्द्र गुरागैन, भारतीय पत्रकारिता विभाग के प्रोफेसर एस.एस. डोगरा, बुमुंस पौडेल, मेरठ विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर त्यागी सहित भारत तथा नेपाल के विभिन्न प्रदेशों से आमन्त्रित 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट जी ने डॉ. ममता पंत की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात कही और उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस विशेष अवसर पर परिसर निदेशक अल्मोड़ा प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट, संकायाध्यक्ष कला एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट, प्रोफेसर रूबीना अमान, प्रोफेसर मधुलता नयाल, डॉ. गीता खोलिया, डॉ. मंजुलता उपाध्याय, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. मनोज बिष्ट, डॉ नवीन भट्ट, डॉ. पूरन, डॉ. ललित जोशी, डॉ. प्रतिमा, रवीन्द्र नाथ पाठक एवं अन्य विभागीय सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए डॉ. ममता पंत को शुभकामनाएं प्रेषित की।