उत्तराखंड से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। बदरीनाथ धाम के पास माणा-घस्तौली मार्ग पर ग्लेशियर टूटने की सूचना है। बताया जा रहा है कि हिमस्खलन के कारण वहां काम कर रहे बीआरओ के करीब 57 मजदूर बर्फ में दब गए हैं। जिनमें से 15 का अब तक रेस्क्यू कर लिया गया है। इस खबर के सामने आने के बाद रेस्क्यू एजेंसियां हरकत में आ गई हैं।
जानकारी के मुताबिक चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माना गांव के पास एक ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हुआ है। इस दुर्घटना में सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेकेदार के तहत काम कर रहे 57 मजदूर मलबे में दब गए। अब तक 15 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि शेष मजदूरों की तलाश जारी है। आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं।
इस घटना ने 2021 में चमोली जिले में हुए एक अन्य ग्लेशियर हादसे की यादें ताजा कर दी हैं, जब ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची थी और कई लोगों की जान गई थी।
बता दें कि चमोली जनपद में गुरुवार से भारी बारिश और बर्फबारी लगातार जारी है। जिसके चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। जिलाधिकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 के स्थान नन्दप्रयाग के निकट भूस्खलन क्षेत्र में लगातार पत्थर एंव मलबा गिर रहा है जिस कारण उक्त स्थान पर वाहनों के आवागमन से जनधन की हानि हो सकती है। इसे देखते हुए नंदप्रयाग भू स्खलन जोन से वाहनों का आवागमन 28.02.2025 के मध्याह्न 12.30 बजे से 01.03.2025 की सांय 5.00 बजे तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित किया जाता है।
इस कारण माणा तक रेस्क्यू एजेंसियों को पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
