नई दिल्ली: पहलगाम में हुए हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के कुछ नागरिकों की पहचान कर उन्हें देश छोड़ने का निर्देश दिया। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड भारतीय नागरिकता के प्रमाण नहीं माने जाएंगे। ये दस्तावेज केवल प्रशासनिक और सेवाओं से जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए मान्य हैं।
सरकार ने कहा है कि नागरिकता साबित करने के लिए सिर्फ मान्यता प्राप्त दस्तावेजों को ही स्वीकार किया जाएगा। इनमें प्रमुख रूप से जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं। एक अधिकृत सूची भी तैयार की गई है, जिसमें उन दस्तावेजों का उल्लेख है जो नागरिकता के लिए वैध माने जाते हैं।
दरअसल, हाल ही में अवैध रूप से भारत में रह रहे कुछ विदेशी नागरिकों ने अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार, पैन और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज पेश किए थे। इसके बाद सरकार ने साफ कर दिया कि ये दस्तावेज नागरिकता सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) भी यह मानता है कि आधार कार्ड केवल पहचान और निवास का प्रमाण है, न कि नागरिकता का। इसी तरह, पैन कार्ड कर उद्देश्यों के लिए उपयोग होता है और राशन कार्ड सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री प्राप्त करने के लिए जारी किए जाते हैं।सरकार का कहना है कि जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ही नागरिकता के दावे को पुष्ट करने वाले प्रामाणिक दस्तावेज हैं। जन्म प्रमाण पत्र अधिनियम, 1969 के तहत भारत में जन्म लेने की स्थिति में अधिकृत अधिकारी इसे जारी करते हैं। निवास प्रमाण पत्र यह साबित करता है कि संबंधित व्यक्ति किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में लंबे समय से रह रहा है। नागरिकता से जुड़े मामलों में, विशेष रूप से सरकारी नौकरियों, पासपोर्ट आवेदन या अदालतों में पहचान की पुष्टि के लिए, इन प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है


