नई दिल्ली। भाजपा को नए अध्यक्ष के लिए दिसंबर तक इंतजार करना होगा।

Advertisement

नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जरूरी सदस्यता अभियान की शुरुआत एक अगस्त से होगी। ऐसे में करीब तीन महीने बाद होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी सरकार में कई अहम जिम्मेदारी संभाल रहे जेपी नड्डा के पास ही संगठन की भी कमान रहेगी।

दरअसल नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए भाजपा के संविधान में कई अहम प्रावधान हैं। इन प्रावधानों को अमल में लाए बिना नए अध्यक्ष नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए 1 अगस्त से 15 सितंबर तक सदस्यता अभियान, इसके बाद 16 सितंबर से 30 सितंबर तक सक्रिय सदस्यता अभियान,एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सक्रिय सदस्यता का सत्यापन किया जाएगा।

एक नवंबर से 15 नवंबर तक मंडल अध्यक्षों का चुनाव और इसके बाद 16 नवंबर से 30 नवंबर तक जिला अध्यक्ष का चुनाव होगा। प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्तिमंडल अध्यक्षों-जिला अध्यक्षों के चुनाव के बाद राज्य और केंद्रीय परिषद का चुनाव होगा।

इसके बाद अंतिम कड़ी के रूप में राज्य अध्यक्षों का चुनाव होगा। नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 फीसदी राज्यों में चुनाव संपन्न कराया जाना जरूरी है।

इस बीच हर नौ साल बाद होने वाला सदस्यता का नवीकरण का कार्य भी संपन्न करना होगा।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि अगर दिल्ली चुनाव तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पूर्व की प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई, तब भी नए अध्यक्ष का चुनाव टल सकता है।

दरअसल अगले साल जनवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव है। ऐसे में इस अहम चुनाव से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष कानून होने की संभावना कम है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement