जिलधिकारी पिथौरागढ़ रीना जोशी ने जलागम परियोजना के अन्तर्गत जनपद में हुए कार्यों एवं चालू कार्यों की समीक्षा जलागम परियोजना के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी कक्ष में आयोजित बैठक में की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जलागम के अन्तर्गत जनपद में हुए कार्यो की विस्तार पूर्वक जानकारी ली तथा सम्बन्धितअधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिये। बैठक में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के अंतर्गत जल संरक्षण के कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने उप परियोजना निदेशक जलागम अनिल कुमार टम्टा को निर्देश दिये कि उनके द्वारा जनपद के जलागम परियोजना क्षेत्र में जल संरक्षण के जो भी कार्य किये जा रहे हैं उनका डाटाबेस बनाने के साथ ही फोटोग्राफ नियमित रूप से व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि जल स्रोतों व धारों के जीर्णोद्धार व मरम्मत कार्य वन विभाग एवं जलागम के अधिकारी आपसी समन्वय बनाते हुए करें ताकि किसी एक जल स्रोत का संपूर्ण जीर्णोद्धार व मरम्मत सुनिश्चित हो सके। जिस पर जलागम के अधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा चिन्हित जल स्रोतों व धारों के निचले हिस्सों का ही ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इन जलस्रोतों व धारों के रिचार्ज क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आते हैं।

जिस पर जिलाधिकारी ने वन एवं जलागम के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाते हुए संपूर्ण जलस्रोत व धारो के कायाकल्प करने के निर्देश दिये।

बैठक में जिलाधिकारी ने उप परियोजना निदेशक जलागम को निर्देश दिये कि उनके द्वारा जनपद के जलागम परियोजना क्षेत्र विकासखंड विण, गंगोलीहाट एवं बेरीनाग में कृषि, पशुपालन, उद्यान, सिंचाई आदि से संबंधित जो भी कार्य किये जा रहे हैं उनका ब्यौरा संबंधित विभागों को भी नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाय ताकि जब कृषि, पशुपालन, उद्यान, सिंचाई आदि विभागों द्वारा जनपद के जलागम परियोजना क्षेत्र में कोई कार्य योजना बनायी जाय तो वह अलग योजना हो। जिलाधिकारी ने कृषि, पशुपालन, उद्यान, सिंचाई आदि विभागों के अधिकारियों को जनपद के जलागम परियोजना क्षेत्र में हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर जलागम के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्दनिर्देशसेक्षक्ष उत्पादन प्रणाली के अंतर्गत हो रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पॉलीहाउस निर्माण पर अधिक जोर देने के निर्देशस जलागम के अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने जलागम के अंतर्गत इस वर्ष 2023-24 हेतु प्राप्त प्रथम किस्त की धनराशि शीध्रता खर्च करने के भी निर्देश भी जलागम के अधिकारियों को दिये।

जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि जलागम परियोजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों की प्रतिमाह समीक्षा की जाय तथा संबंधित खंड विकास अधिकारियों से जलागम परियोजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करवाया जाय। उप परियोजना निदेशक जलागम अनिल कुमार टम्टा ने बताया कि जनपद में जलागम परियोजना की शुरुआत वर्ष 2022-23 में हुई थी जो वर्ष 2025 -26 तक चलेगी। जनपद में जलागम परियोजना के अंतर्गत जनपद के विकासखंड विण, गंगोलीहाट व बेरीनाग के कुल क्षेत्रफल 22 हजार 150 हेक्टेयर में जलागम परियोजना के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं। इन तीनों विकास खंडों में 99 ग्राम पंचायतें एवं 291 राजस्व ग्राम जलागम परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जलागम परियोजना के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में चालखाल, रिचार्ज पिट, खंती( छोटे-छोटे गड्ढे, चेक डैम आदि कार्य किए जा रहे हैं। जबकि उत्पादन प्रणाली के तहत किसानों को कृषि व औद्यानिकी के बीज तथा फल पौध वितरण, पोली हाउस व पोली टनल का निर्माण एवं कृषि यंत्र आदि वितरित किये जा रहे हैं। आजीविका सुधार के अंतर्गत स्वरोजगार स्थापना हेतु संपूर्ण परियोजना काल में एक परिवार को रूपये 25 हजार तथा 5 लोगों के समूह को रुपए एक लाख दिये जा रहे हैं। स्वरोजगार के अंतर्गत लोग गाय, बकरी व मुर्गी पालन, बड़ई, लोहार, पलंबर, ब्यूटीशियन आदि कार्यों को कर सकते हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी, उप प्रभागीय वनाधिकारी ज्वाला प्रसाद, मुख्य कृषि अधिकारी रितु टम्टा, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पंकज जोशी, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई अभिषेक खोलिया, तकनीकी विशेषज्ञ जलागम सुनील चंद सती आदि उपस्थित थे।

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