(जिलाधिकारी ने जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायतों की बैठकों को दो भागों में आयोजित करने के दिए संबंधितों को निर्देश।पहले दो घंटे अधिकारियों को रखना होगा अपने विभागीय योजनाओं एवं कार्यों का विवरण। इसके बाद जनप्रतिनिधि करेंगे सवाल जवाब )

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जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि प्रायः यह संज्ञान में आ रहा है कि जनपद स्तरीय अधिकारी जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में स्वयं प्रतिभाग नहीं करते, जिससे जनप्रतिनिधि नाराजगी व्यक्त करते हैं। शासन के विभिन्न पत्रों के माध्यम से जिला पंचायत/क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में जनपद स्तरीय अधिकारियों की स्वंय उपस्थिति की अनिवार्यता के सम्बन्ध में पूर्व में भी दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।

इसके उपरान्त भी जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा अनिवार्य रूप से प्रतिभाग नहीं किया जा रहा है, जिससे निर्वाचित जन प्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त होने के साथ ही जनहित के कार्य भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं तथा स्थानीय शिकायतों व समस्याओं का निदान स्थानीय स्तर पर न होकर शासन स्तर को प्रेषित किये जा रहे हैं।इस संबंध में जिलाधिकारी ने जनपद के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिकारी स्वयं जिला पंचायत तथा क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में अनिर्वाय रूप से प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें।

अपरिहार्य कारणों से स्वयं के प्रतिभाग नहीं किये जाने की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी पूर्व में मुख्य विकास अधिकारी के साथ-साथ जिलाधिकारी को भी अवगत करायेंगे तथा पदानुक्रम में दूसरे नामांकित अधिकारी अनिवार्य रूप से बैठक में उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे, जिससे बैठकों का प्रभावी कियान्वयन एवं समुचित लाभ आम जनमानस को प्राप्त हो सके।

उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारी बक्शे नहीं जाएंगे उनके बल्कि उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रायः यह देखा जाता है कि इन बैठकों में विभिन्न कार्यों आदि के बारे में केवल प्रश्न इत्यादि उठते रहते हैं व अधिकारियों को अपने विभाग की विभिन्न जन-उपयोगी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान किये जाने का अवसर प्राप्त नहीं होता, जिससे कि इन बैठकों की सार्थकता प्रभावित होती है। जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देश दिए कि इसके दृष्टिगत व्यापक जनहित में इन बैठकों को दो भागों में विभाजित किया जाय।

बैठक के प्रथम भाग के प्रथम दो घण्टों में अधिकारियों द्वारा आम जनमानस हेतु संचालित अपने विभागीय कार्यों/योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी एवं इनके क्रियान्वयन हेतु इनके द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में भी अवगत कराया जाएगा जिससे कि इन बैठकों की गरिमा के अनुरूप अधिक से अधिक लोग सरकार द्वारा संचालित इन योजनाओं से लाभान्वित हो सके।

इसके उपरान्त बैठक के द्वितीय भाग में प्रश्न-उत्तर इत्यादि की कार्यवाही सम्पादित की जाएगी जिसमे जनप्रतिनिधि अपनी बातों एवं समस्याओं को सदन में रख सकेंगे।

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