(भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत पहुँचे जागेश्वर धाम,मास्टर प्लान के तहत चल रहे कुछ कार्यों पर विभागीय अधिकारियों को दिये निर्देश)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मानस खंड यात्रा के ड्रीम प्रोजेक्ट जागेश्वर धाम में किये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, ये सवाल न तो जनता द्वारा उठाये, और न ही विपक्ष द्वारा। ये कमियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत ने पायी। यदुवीर सिंह यादव विगतशनिवार को जागेश्वर धाम पहुँचे जहाँ उन्होंने सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की।

इस दौरान प0लक्ष्मी दत्त भट्ट, प0बाला दत्त भट्ट आदि ने मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्य साउंड,लाइटिंग आदि को लेकर उनके समक्ष शिकायत दर्ज की, जिस पर उन्होंने मंदिर परिसर में बारीकी से निरिक्षण किया,पाया कि कई लाइट वाले कई स्थानों पर पानी जमा होने की शिकायत मिली हैं वहीं कई जगह पत्थर टूट चुके हैं, इतना ही नहीं कई मंदिर खंडित होने की कगार पर हैं, इसके अलावा कुबेर मंदिर समूह में भी पटाल पूरी टूट चुके हैं इसके अलावा और कई खामिया उनके द्वारा देखी गई।

जिस पर देहरादून मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद डा0मोहन जोशी व सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद डा0कृष्ण बिहारी शर्मा(जागेश्वर संग्रालय प्रभारी)व अल्मोड़ा उप मण्डल के सीनियर संरक्षण सहायक नीरज मैठानी को उचित कार्य करवाने हेतु निर्देशित किया।गौरतलब तलब है किजागेश्वर धाम में विगत वर्षों में कई कार्य किये गये हैं, व जागेश्वर मंदिर समूह में लाइटिंग की वजह से आ रही परेशानियों का त्वरित निस्तारण हेतु विभागीय अधिकारियों को महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यदुवीर सिंह रावत ने निर्देशित किया।
गौरतलब तलब है कि जागेश्वर धाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, प्रधानमंत्री ने खुद पूजा अर्चना कर जागेश्वर धाम को विश्व के पर्यटन मानचित्र में पहुंचा । शासन स्तर के महामहिम राज्यपाल से लेकर अनेक आला अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। इसके बावजूद निर्माण कार्यों में कमी आना चिंता का विषय है।



