(
(रुट डाइवर्जन के चलते हुआ महंगा सफर यात्रियों की जेब पर अतरिक्त बोझ , समय की बर्बादी अलग,विकास की आड़ में हो रहा विनाश, कोई सुध लेवा नहीं )
देश में गर्मी का मौसम आते ही , उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटकों व श्रृद्धालुओं का आवागमन काफी बढ़ गया है, विश्व प्रसिद्ध नैनीताल, आस पास का क्षेत्र, श्री कैंची धाम नीब करौली महाराज जी का मंदिर सहित जागेश्वर धाम, कौसानी आदि लुभावने क्षेत्र में अच्छी खासी भीड़ दिखाई दे रही है, इतना ही नहीं जाम यातायात व्यवस्था आदि प्रभावित हो रही है, वहीं श्री कैंची धाम मंदिर तहसील का खैरना गरमपानी का होटल, रेस्टोरेंट, बाजार, जाम व रूट परिवर्तन के चलते सुना हो गया है।
रानीखेत ,अल्मोड़ा पिथौरागढ़, पर्यटन स्थल के यात्रियों को इस मार्ग से नही भेज डाईवर्ट कर भेजा जा रहा है। इन सब के चलते आम आदमी पर भी किराए की अतरिक्त मार पड़ रही है और समय की बर्बादी अलग हो रही है, लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नही गया। बैंकों से ऋण ले कर होटल रेस्टोरेंट व्यापारियों को पर्यटन सीजन में भारी नुकसान, हो रहा है लोन की किश्तें देने को मोहताज हो गये है।
पीड़ित लोगों ने कहा है, सुध न लेने पर आंदोलन किया जाएगा।बताना चाहते हैं इस वर्ष भवली अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित प्रसिद्ध कैची धाम में रोजना हजारों पर्यटकों द्वारा पहुँचा जा रहा है। जिससे राजमार्ग के कैची, भवाली, भीमताल, हलद्वानी स्थानो पर वाहनो की भारी भीड़ के चलते घण्टो का जाम लग रहा है।
जिससे मार्ग को रोजना डाइवर्जन कर दिया जा रहा है। तथा जाम तथा मार्ग के डाइवर्जन के चलते पर्यटक कैची धाम मन्दिर तक ही पहुँच पा रहा है। जिसमे कैची से नीचे मार्ग का बाजार पूरी तरह से सुनसान पड़ा हुवा है। जिससे खैरना, गरमपानी, सुयालबाड़ी, अल्मोड़ा, रानीखेत, पिथौरागढ़, कौसानी इत्यादि पर्यटन जगह पर पर्यटक नही पहुँच पा रहा है।
जिससे इन सभी रूटों के सभी छोटे बड़े व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिसमें सबसे अधिक होटल तथा रेस्टोरेंट संचालकों को परेशानी चलनी पड़ रही है जिसमें होटल संचालकों तथा होटल व्यापारियों द्वारा बैंकों से ऋण लेकर होटल तथा रेस्टोरेंट को खोला गया है लेकिन बावजूद भवाली, भीमताल, हल्द्वानी, तथा कैंची धाम में भारी जाम के चलते पर्यटन स्थान तक नहीं पहुंच पा रहा है जिससे आम दिनों की भांति व्यस्त रहने वाला राजमार्ग में सुनसनी पसरी हुई है।
होटल संचालक संजय पाण्डेय का कहना है कि कैची धाम में भारी संख्या श्रद्धालुओं के चलते भवाली, भीमताल में वाहनों के बढ़ने से भारी जाम लग रहा है जिससे हलद्वानी से खैरना अल्मोड़ा़ की तरफ वाहनों का आना लगभग बंद हो गया है जिससे इन इलाकों के रेस्टोरेंट पर रोजाना के वाहनो ने भी जाम के चलते रुकना बन्द कर दिया है। दुकानदारों द्वारा बैंक से बड़े स्तर पर लोन लिया गया है जिससे पर्यटन सीजन में वाहनों के न चलने से उनको भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वही गरमपानी निवासी योगेश त्रिपाठी ने बाजार में पर्यटकों के ना पहुचने का ठीकरा सरकार तथा प्रशासन के मत्थे मारा है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी अभी तक कोई बाईपास तक नही बनाया गया है और जाम के नाम पर रोजना वाहनो को डाइवर्जन किया जा रहा है।
जिससे कारोबारियों के साथ साथ आम लोगो को भी पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इन सभी समस्याओं के चलते अब बाजार के होटल कारोबारियों तथा रेस्टोरेंट कारोबारियों ने सरकार से जल्द से जल्द समाधान निकालने की मांग की गई है।
जिसमे समाधान ना निकलने पर आन्दोलन की चेतवानी दी गयी है।लगता है उत्तराखंड में विकास के साथ जो विनाश हो रहा है उस पर किसी की नजर नहीं गयी , या फिर वाहवाही लूटने की चाहत में अनदेखा किया जा रहा है।


