( जाने माने साहित्यकार शैलैश‌ मटियानी की लेखनी से, जिसे शिक्षाविद प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही ने फेस बुक में प्रचारित किया, यथावत पेश है)

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कालजयी कथाकार शैलेश मटियानी के गाँव छानी (बाड़ेछीना) जनपद अलमोडा़ के निवासी स्व. धन सिंह गुसाईं के छोटे पुत्र डॉ. आनंद सिंह गुसाईं अल्मोड़ा के एक अलग तरह के चिकित्सक हैं। इस गाँव का चित्रण मटियानी जी ने अपने संग्रह ‘मेरी तैंतीस कहानियाँ’ की भूमिका में बड़े भावपूर्ण ढंग से किया है।:-

डॉ. गुसाईं अपनी पैतृक जड़ों से गहराई से जुड़े हैं। लखनऊ और प्रयाग से उच्चशिक्षा प्राप्त डॉ. साहब पहले अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में थे, बाद में उन्होंने माल रोड में अपना निजी क्लीनिक शुरू किया। वो बाल विशेषज्ञ हैं और अपनी ग्रामीण जड़ों से भावुकता की हद तक जुड़े हैं। दूर दराज से आकर ग्रामीणों का घर के आगे ताँता लग जाता है और वो बिना थके उनका इलाज करते हैं। अत्यधिक गरीबों से वो कोई फीस नहीं लेते उल्टे, जरूरत पड़ने पर अपना खर्च देकर उन्हें घर रवाना करते हैं।

सरल ग्रामीणों से अपनी बोली में संवाद कर वो उनके बीच खासे लोकप्रिय हैं। उनका यह मिनी अस्पताल तमाम आधुनिक सुविधाओं से लेस है। सबसे बड़ी बात, अपने आत्मीय व्यवहार से वो पल भर में ही अपने मरीजों का दिल जीत लेते हैं।
( साभार सोशियल मिडिया प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही)

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