( सरकार द्वारा कोरे आश्वासन दिये, दो सप्ताह में मांगें पूरी नहीं हुयी तो प्रदेश भर के ग्यारह हजार से अधिक वन पंचायत के सरपंच और पंच देहरादून कूच करेंगे, 2027 में विरोध होगा)

Advertisement

अल्मोड़ा में सरपंचो का सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन जूलूस निकाला गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सरपंच प्रयाग सिंह जीना ने बताया वन पंचायत सरपंचों की वर्षों से लंबित मांगों की सरकार द्वारा अनदेखी करने के परिणामस्वरूप कुमाऊँ-मंडल के नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ व चंपावत जिले के सरपंचों ने चौघानपाटा में गांधी पार्क में एक विशाल धरना प्रदर्शन किया जिसमें सैकड़ो की संख्या में वन पंचायत सरपंचों ने भाग लिया। सरपंच संगठन की मुख्य मांगे —
1- वन पंचायतों को पूर्ण स्वायत्तता का दर्जा देकर संवैधानिक अधिकार दिया जाए तथा उसमें ग्राम वन, प्रधान व प्रबंध समिति को हटाया जाए।
2-वन पंचायत नियमावली के स्थान पर उत्तराखंड वन पंचायत अधिवेशन किया जाए।
3-प्रदेश वन पंचायत सलाहकार परिषद में सरपंचो को स्थान दिया जाए।
4- प्रधानो की भांति ही सरपंचों व पंचो को भी मानदेय दिया जाए।

यह धरना-प्रदर्शन उक्त मांगो के लिए शासन-प्रशासन को सैकड़ो पत्र भेजे जाने के फलस्वरूप भी कोई कार्यवाही न करने के विरोध स्वरूप किया गया। विशाल संख्या में उपस्थित सरपंचो द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि यदि शासन-प्रशासन ने उपरोक्त मांगो पर दो सप्ताह के भीतर कोई निर्णय नही लिया तो प्रदेश भर के 11217 वन पंचायतो के वन पंचायत सरपंच व पंच अब विशाल धरना-प्रदर्शन व आक्रोश रैली के रूप में देहरादून में एकत्र होंगे। व वर्ष 2027 के चुनाव में सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे। आज के धरना-प्रदर्शन अल्मोड़े में चौघानपाटा से लक्ष्मेस्वर तिराहा तक पैदल मार्च एवम डीएम कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी महोदय को इस आशय का एक ज्ञापन दिया गया। इस प्रदर्शन में मात्रशक्ति के रूप में श्रीमती निशा जोशी, बीना बिष्ट, कमलेशजीना, सीमा तिवारी,भावना, सरस्वती सरिता जीना आदि व इनके अलावा सैकड़ो की संख्या में विभिन्न विकास खंडों के परामर्श दात्री अध्यक्ष व सरपंच ने भाग लिया।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad