राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को मनाया जाता है इस वर्ष 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की थीम *आभासी सुनवाई और उपभोक्ता न्याय तक डिजिटल पहुंच* रखी गई है। आयोग के सदस्य सुरेश चंद्र कांडपाल ने बताया कि उपभोक्ता आंदोलन के महत्व को दर्शाने तथा प्रत्येक उपभोक्ता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के उद्देश्य से *राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस* मनाया जाता है यह कानून उपभोक्ता को त्रुटिपूर्ण वस्तुओं की बिक्री सेवाओं में कमी, अनुचित व्यापार प्रचलन के साथ ही धोखाधड़ी, कालाबाजारी आदि का शिकार होने से बचाता है इस अधिनियम के तहत प्रत्येक राज्य ,जिले में उपभोक्ता न्यायालयों का गठन किया गया है जहां उपभोक्ता बहुत ही सरल तरीके से अपनी शिकायत कर सकते हैं जिला आयोग में कम से कम 50 लाख तक की सुनवाई हो सकती है ।

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केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को सुरक्षित, संरक्षित ,कम खर्चे में ,जल्दी ,परेशानी मुक्त न्याय मिले और उपभोक्ता को मजबूत किया जा सके इस हेतु 2019 में अधिनियम को प्रतिस्थापित किया गया क्योंकि इससे पहले 1986 में बनाया गया कानून लागू होता था ।नए कानून में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उन्हें और अधिक व्यापक अधिकार दिए गए हैं

इस अधिनियम के अंतर्गत उस व्यक्ति को उपभोक्ता माना गया है जो वस्तुओं और सेवाओं को खरीद और उपभोग अपनी जरूरत के लिए करता है तथा सभी प्रकार की लेनदेन चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन को संरक्षित करती है।

श्री कांडपाल ने कहा की की आज के समय में जब उपभोक्ता यदि सीधे जाकर अपनी समस्या का समस्त समाधान करने में सक्षम नहीं है तो वह नई तकनीकी ई दाखिल या ई जागृति के माध्यम से भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और जल्दी से जल्दी तीन या पांच महीने में अपनी शिकायत का निवारण कर सकते हैं एवं राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1915 के माध्यम से भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं ।

जिला उपभोक्ता आयोग जागो ग्राहक जागो के माध्यम से जागरूकता के लिए उपभोक्ता के लिए उसकी सुरक्षा के लिए एवं उसकी हर संभव सहायता के लिए समय-समय पर उपभोक्ताओं को जागरुक करते रहती है।

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