उत्तराखंड के 6000 से अधिक कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन की सौगात देगी। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। इसके तहत राज्य में एक अक्तूबर 2005 से पहले जिनकी भर्ती के विज्ञापन, अधिसूचना जारी हो चुकी है, वे पुरानी पेंशन का लाभ ले सकते हैं।
राज्य में एक अक्तूबर 2005 को नई पेंशन योजना लागू हुई थी।केंद्र सरकार ने मार्च माह में कटऑफ डेट तक भर्तियों के विज्ञापन से चुने गए कर्मचारियों को नई के बजाए पुरानी पेंशन का लाभ दिया है। इसी के आधार पर राज्य सरकार ने भी निर्णय लिया है। इसके तहत राज्य में एक अक्तूबर 2005 को नई पेंशन योजना लागू हुई थी। इससे पहले जितने भी विज्ञापन निकले होंगे, उनसे नौकरी पाने वाले करीब 6000 कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प देगी। प्रदेश में 67,557 सेवारत कर्मचारी ऐसे हैं जो पुरानी पेंशन के अंतर्गत आते हैं। 1,35,556 पेंशनर पर सरकार हर साल 6000 करोड़ खर्च कर रही है। 90,247 सेवारत कर्मचारी ऐसे हैं जो नई पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। इन पर सरकार सालाना 815 करोड़ खर्च कर रही है। नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले 4342 कर्मचारी अभी तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली की सौगात देने के कैबिनेट के फैसले का पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने स्वागत किया है। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि वे लंबे समय से इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का हक देने की मांग करते आ रहे हैं। सरकार ने इस दिशा में जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है। अब प्रदेश के बाकी कर्मचारियों को भी सरकार पुरानी पेंशन का हक दे। वहीं, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने भी सरकार के कदम का स्वागत किया।
सचिवालय को छोड़कर प्रदेश के विभागों में तैनात करीब 35 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हर वर्ष 2400 रुपये वर्दी भत्ता मिलेगा। अभी तक दो साल में पैंट, कमीज व अन्य अलग-अलग मदों में 4000 रुपये वर्दी भत्ता मिल रहा था।
कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।वित्त सेवा के अधिकारियों की वेतन विसंगति दूरवित्त सेवा में 5400 वेतनमान पर पांच साल पूरे करने वाले वित्त अधिकारी 7600 वेतनमान के योग्य होंगे यदि उन्होंने 6600 वेतनमान दो साल पूरे किए और जिनकी कुल 12 साल की सेवा हो गई है। इसी तरह 7600 वेतनमान पर एक साल पूरा करने और कुल 20 साल की सेवा पूरी करने वाले अधिकारी 8600 वेतनमान के हकदार हो सकेंगे। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने राज्य कर विभाग में अपर आयुक्त के पद पर अन्य सेवाओं के अधिकारियों को भी मान्यता दे दी है। अभी तक यह पद पीसीएस अधिकारी के लिए था। अब कस्टम अधिकारी की भी इस पद पर प्रतिनियुक्ति हो सकती है। इसके अलावा आईएस, वरिष्ठ पीसीएस अधिखारी व आईआरएस सेवा के अधिकारी को भी इस पद पर तैनात किया जा सकता है।
चालक से लिपिक बनने के लिए टाइपिंग टेस्ट में छूट मिलेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने चालकों के पांच प्रतिशत पदोन्नति कोटे को भरने के लिए टाइपिंग परीक्षा में 4000 अक्षर की प्रति घंटा से घटाकर 2400 प्रति घंटा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे चालकों की पदोन्नति की राह आसान हो सकेगी।