गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आई.डी. भट्ट को स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका तथा एल्सेवियर द्वारा द्वारा जारी विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में उनका चयन, हिमालयी क्षेत्र में उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट शोध कार्य, उनके शोध पत्रों के उद्धरणों तथा वैश्विक स्तर पर उनके शोध कार्यों के महत्त्व व् प्रभाव के आधार पर किया गया है. उनकी ये उपलब्धि संस्थान एवं समस्त हिमालयी क्षेत्र के लिए गौरव की बात है. शोध कार्यों का विश्वस्तर पर मंचन एवं मान्यता प्राप्त करना संस्थान एवं व्यक्ति विशेष के लिए गर्व की अनुभूति का विषय होता हैं. उनकी इस उपलब्धि पर पर्यावरण संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों ने हर्ष व्यक्त किया तथा अपनी शुभकामनाएं दी.
वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० आई०डी० भट्ट अभी संस्थान में कार्यकारी निदेशक तथा जैव विविधता एवं संरक्षण केंद्र में केंद्र प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक शोध कार्यों का दिशार्निदेशन किया जा रहा है। उन्हें 30 वर्षो से ज्यादा का शोध अनुभव है तथा उन्होंने मुख्यतः पादप कार्यिकी, जैव प्रोद्यौगिकी, पारिस्थितिकी आंकलन इत्यादि विषयों पर शोध कार्य किये है. उनकी शोध गतिविधियों एवं उपलब्धियों में मुख्य रूप से राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए हिमालयी जैव विविधता का एक एकीकृत डेटाबेस बनाना, जैव विविधता और सामाजिक कमजोरियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की निगरानी करना, अन्य प्रभावी क्षेत्र-आधारित संरक्षण उपायों पर सहयोग करना तथा ग्रामीण आजीविका से जुड़ना और संरक्षण शिक्षा को बढ़ावा देना रहे हैं.
उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के परिणामस्वरूप उनको आई०पी०सी०सी० वर्किंग ग्रुप द्वितीय में दो अध्यायों का लीड ऑथर, कमीशन मेम्बर आई०यू०सी०एन०, सेक्शन प्रेसीडेन्ट, भारतीय विज्ञान कांग्रेस, जी०एस०पी०एस० फैलोशिप, फास्ट ट्रैक यंग साइंटिस्ट इत्यादि पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ न्यूट्रिशन, बैंकॉक, थाईलैंड द्वारा क्राफ्ट फैलोशिप तथा क्लेटन फाउंडेशन, यूएसए द्वारा पोस्ट-डॉक्टरल फेलो से से भी सम्मानित किया गया. वे आईयूसीएन सीईएम पारिस्थितिकी तंत्र आधारित अनुकूलन और शमन, आईयूसीएन सीईएम पारिस्थितिकी तंत्र बहाली, आईयूसीएन सीईएम पारिस्थितिक तंत्र का सतत उपयोग और प्रबंधन तथा आईयूसीएन, सीईएम, दक्षिण एशिया आयोग के सदस्य भी हैं.
वर्तमान में उनके द्वारा 300 से अधिक शोध पत्रों, 10 किताबों, चार टेक्निकल मैन्युअल/वर्किंग पेपर, दो पॉपुलर बुकलेट्स, तथा दो डोक्युमेनट्रीज का प्रकाशन किया जा चुका है. उनके द्वारा 20 से अधिक शोध एवं विकास परियोजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा चुका है। उनके कार्यों को नेचर क्लाइट चेन्ज जैसे विश्वविख्यात जनरल में स्थान प्राप्त हुआ है। डा० भट्ट के दिशानिर्देशन में 10 से अधिक शोधार्थियों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की जा चुकी हैं।
डा० भट्ट के अलावा पर्यावरण संस्थान में पूर्व में कार्यरत संस्थान के पूर्व निदेशक दिवंगद डा. आर.एस. रावल, डा० आर० के० मैखुरी, डा० विक्रम सिंह नेगी तथा डा० तरुण बेलवाल को भी स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका तथा एल्सेवियर द्वारा द्वारा जारी विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। डा० आर० के० मैखुरी, डा० विक्रम सिंह नेगी तथा डा० तरुण बेलवाल वर्तमान में अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों में कार्यरत हैं.



