( रहने के लिए जगह नहीं, पार्किंग नहीं पर्यटक जागेश्वर से वापस हो अलमोडा़ आये, )

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के डबल इंजन सरकार में उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के कैंची धाम, जागेश्वर धाम को विश्व के पर्यटन मानचित्र में ला कर खड़ा कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारिडोर प्रोजेक्ट में जागेश्वर धाम का विश्व स्तरीय प्रचार प्रसार हो रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहली बार जागेश्वर धाम आने से इसमें और इजाफा हुआ है, नैनीताल, व आस पास के ताल, जिम कार्बेट, तो बिट्रीश काल से पर्यटन मानचित्र में रहे, नीब करोली महाराज के कैंची धाम , को भी कुछ साल पहले तक 15 जून के भंडारे तक सीमित रखा गया था, अब नैनीताल की तर्ज पर कैंची धाम का विकास हो रहा है पर जाम, आवास आदि क्या आवश्यकता के अनुरूप है,?

इसी तर्ज पर जागेश्वर धाम का प्रचार प्रसार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारिडोर प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है, जागेश्वर धाम भी भोलेबाबा की तपस्थली होने से सावन माह में भक्तजनों से घिरा रहता था। व्यवस्था परिवर्तन अभी सिर्फ प्रोजेक्ट व सजावट तक ही पहुंच पायी है।

कभी यह प्रशासन ने पुलिस प्रशासन व डबल इंजन सरकार ने व्यवस्था व व्यवहार में लाने की चेष्टा की की क्या जागेश्वर धाम में मूलभूत सुविधाएं व व्यवस्था में प्रबंधक हैं। इसकी बानगी जागेश्वर आरतोला मार्ग में वाहनों की लम्बी कतार, होटल पैक नतीजा लोग परेशान , आखिरकार लोग अल्मोडा़ वापस आ होटलों में रहे। ऐसी व्यवस्था में पर्यटक क्या संदेश लेकर जायेगें ?

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